बसंतकालीन गन्ना बुवाई 2025 हेतु लिया गया प्रजातीय बदलाव का संकल्प

मवाना शुगर्स लि. द्वारा चौधरी चरण सिंह विवि के सभागार में वृहद गन्ना किसान समागम का आयोजन 

 अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों ने अलविदा को. 0238 लगे हुए बैनरों के साथ गुब्बारों को प्रजातीय बदलाव का सन्देश प्रतीक करते हुए हवा में छोड़ा गया

मेरठ।  बुधवार को  चरण सिंह विवि  स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेक्षागृह में मवाना शुगर्स लिमिटेड की दो इकाई, मवाना शुगर वर्क्स, मवाना तथा नंगलामल शुगर कॉम्प्लेक्स, नंगलामल के संयुक्त तत्वाधान में वृहद गन्ना किसान समागम का आयोजन किया गया। जिसमें जनपद के एक हजार किसानों ने शिरकत की।  मुख्य अतिथि के रूप में जिला गन्ना अधिकारी  ब्रजेश पटेल ने संगोष्ठी का उदघाटन किया। 

 अपने संबोधन में उन्होंने मवाना शुगर्स लिमिटेड के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा की कृषक हित में यह समयानुकूल है कि विभिन्न संचार माध्यमों से आगामी बसंतकालीन गन्ना बुवाई हेतु आवश्यक कदम उठाये जाए, जिनमे प्रजातीय बदलाव प्रमुख है इसका प्रचार-प्रसार किया जाए साथ ही को 0238 प्रजाति को अन्य नई स्वीकृत गन्ना प्रजातियों जैसे को0 0118 एवं को. 15023 द्वारा विस्थापित किया जाना अत्यंत आवश्यक है।

कृषि निवेश के स्टॉल रहे आकर्षक का केन्द्र 

 गोष्ठी के साथ प्रदर्शित किये गए विभिन्न तकनीकी एवं कृषि निवेश के स्टाल भी आकर्षण का केंद्र रहे। संगोष्ठी का प्रारम्भ करने से पूर्व किसानों एवं उपस्थित अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों ने अलविदा को. 0238 लगे हुए बैनरों के साथ गुब्बारों को प्रजातीय बदलाव का सन्देश प्रतीक करते हुए हवा में छोड़ा गया। इस अवसर पर संगोष्ठी को प्रारम्भ करते हुए मवाना शुगर्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राकेश कुमार गंगवार ने गन्ना किसान के समक्ष चुनौतियों एवं चीनी उद्योग के वर्तमान परिदृश्य की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गन्ना किसान एवं चीनी उद्योग दोनो एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और किसी भी एक के बगैर दूसरे के अस्तित्व की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी के आयोजन के पीछे उद्देश्य भी यही है कि सभी गन्ना किसान भाई आज की परिस्थितियों को समझते हुए एवं भविष्य की तैयारी को ध्यान में रखकर प्रजातीय बदलाव को अपनाएँ एवं को. 0238 प्रजाति को अब अलविदा करें। उन्होंने कहा कि मवाना शुगर्स लिमिटेड सदैव से ही प्रजातीय संतुलन की पक्षधर रही है और शुरू से ही किसान भाइयों को अन्य नई प्रजातियों की बुवाई करने के लिए प्रेरित करने का कार्य किया जा रहा है। 



गन्ना विकास कार्यक्रम के तहत साल भर की बनाई योजना 

श्री गंगवार ने मवाना शुगर्स लिमिटेड के गन्ना विकास कार्ययोजना के बारे में बताते हुए कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हमने गन्ना विकास कार्यक्रम 2025 की रूपरेखा तैयार की है जिसमे उत्तम गन्ना खेती के चार मुख्य आधार जिनमे प्रजातीय बदलाव, फसल सुरक्षा, बीज उपचार एवं भूमि उपचार हेतु विशेष ध्यान रखा गया है एवं इन उद्देश्यों की प्रतिपूर्ति हेतु सघन जागरूकता अभियान चलाने का कार्यक्रम तैयार किया है । जिसमे गन्ना किसान गोष्ठियों, प्रचार वाहनों, नुक्कड़ नाटकों का मंचन, रैली एवं अन्य प्रचार माध्यमों से सभी किसानों को जागरूक करने का लक्ष्य बनाया गया है और आज की संगोष्ठी इस कार्यक्रम का ना सिर्फ आगाज बनेगी बल्कि इसमें होने वाली परिचर्चा से उन्हें सीधा लाभ भी होगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यहाँ उपस्थित कृषक भाई अपने अपने क्षेत्र में जाकर इस उद्देश्य का व्यापक प्रसार करेंगे और अन्य किसान भाइयों को भी लाभान्वित करेंगे।  

 चोटी बेधक कीट के प्रति किसानों को कृषि वैज्ञानिकों ने किया जागरूक 

इस अवसर पर मवाना शुगर्स लिमिटेड के वैज्ञानिक सलाहकार तथा उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद् के भूतपूर्व कीट वैज्ञानिक डॉ. मैनेजर सिंह ने फसल सुरक्षा विशेषकर चोटी बेधक कीट की पहचान एवं इसके समेकित नियंत्रण जिसमे यांत्रिक, जैविक एवं रासायनिक विधियां शामिल हैं उनके बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फरवरी के अंतिम सप्ताह में इस कीट की प्रथम पीढ़ी का आपतन प्रारम्भ होता है जिसमे इस कीट की मादा तितली शरदकालीन पौधा गन्ना अथवा अभी जमकर आयी पेड़ी फसल की पत्तियों की निचली सतह पर  समूह में अण्डे देती है जो भूरे रंग के बालनुमा आवरण से ढके रहते हैं।  एक अण्ड समूह में 50 से लेकर 250 तक अण्डे होते हैं जिनसे इस कीट का लारवा निकल आस पास के पौधों के ऊपर जाकर गिरते हैं और गन्ने की पत्तियों की मिडरिब से छेद करके उसके बढ़वार बिंदु की तरफ पहुंचकर उसे खाकर नष्ट कर देते हैं जिससे डैड हर्ट (मृतसार) बन जाता है और पौधा नष्ट हो जाता है। इस कीट के समेकित नियंत्रण के लिए एवं मादा तितली को नष्ट करने के लिए फेरोमोन ट्रैप तथा प्रकाश ट्रैप लगाना अत्यंत आवश्यक है।  फेरोमोन ट्रैप में एक विशिष्ट प्रकार के केमिकल युक्त कैप्सूल लगाया जाता है जिसमे मादा तितली जैसी गन्ध स्रावित होती है और नर तितली वहां पहुंचकर फेरोमोन ट्रैप में फंसकर मर जाती है मवाना शुगर्स लिमिटेड की दोनों चीनी मिलें, मवाना एवं नंगलामल द्वारा फेरोमोन ट्रैप सीमित मात्रा में निःशुल्क उपलब्ध करा रही हैं। इसके अलावा प्रकाश ट्रैप भी चोटी बेधक कीट की तितली को नष्ट करने का एक अत्यंत प्रभावी तरीका है जिस पर चीनी मिल द्वारा 20 प्रतिशत का अनुदान देने की योजना है अतः इसका लाभ अवश्य उठाएं। इसके अलावा यांत्रिक नियंत्रण के लिए इस कीट के अण्ड समूह युक्त पत्तियों को एकत्र कर बाहर निकालना एवं चोटी बेधक से ग्रसित पौधों की जमीन की सतह से मिलाकर कटाई करना तथा रासायनिक नियंत्रण हेतु कोराजन का प्रयोग भी आवश्यक है जिस पर चीनी मिल द्वारा 20 प्रतिशत का अनुदान देने दिया जा रहा है।

इसके अतिरिक्त चूसक कीटों की रोकथाम के लिए चीनी मिल द्वारा पर्णीय छिड़काव के लिए टैंकरों की भी व्यवस्था करने की योजना है एवं इसमें लगने वाले कीटनाशक एवं एन0 पी0 के0 तथा टैंकर खर्च पर भी 20 प्रतिशत का अनुदान देने की योजना है मवाना शुगर्स लिमिटेड द्वारा वृहद गन्ना किसान समागम का आयोजन बसंतकालीन गन्ना बुवाई 2025 हेतु लिया गया प्रजातीय बदलाव का संकल्प साथ ही अन्य प्रमुख कीटों जैसे दीमक, अर्ली शूट बोरर, सफ़ेद गिडार, जड़ बेधक आदि के नियंत्रण हेतु भी 20 प्रतिशत अनुदान की योजना बनाई है।  संगोष्ठी में गन्ना प्रजनन संस्थान क्षेत्रीय केंद्र करनाल के निदेशक डॉ0 एम. एल. छाबड़ा ने गन्ने में लगने वाली बीमारियों जैसे लाल सड़न रोग, उकठा रोग, पोक्का बोइंग आदि के नियंत्रण के बारे में विस्तार से जानकारी दी साथ ही क्षेत्रीय केंद्र करनाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ0 रविन्द्र यादव ने को0 0118 एवं को0 15023 प्रजातियों से अच्छी पैदावार लेने की बारीकियों के बारे में चर्चा की।

मवाना शुगर्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राकेश कुमार गंगवार द्वारा इस अवसर पर उपस्थित मुख्य अतिथि जिला गन्ना अधिकारी  ब्रजेश पटेल, सम्भागीय विख्यापन अधिकारी  गौरव कुमार, गन्ना प्रजनन संस्थान क्षेत्रीय केंद्र करनाल के निदेशक डॉ. एम. एल. छाबड़ा, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रविन्द्र यादव एवं मवाना शुगर्स लिमिटेड के वैज्ञानिक सलाहकार तथा उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद् के भूतप.र्व कीट वैज्ञानिक डॉ. मैनेजर सिंह का शॉल पहनाकर तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया गया।  

आज आयोजित इस कार्यक्रम का संचालन मवाना चीनी मिल के उप महाप्रबंधक (गन्ना) हरि ओम शर्मा ने किया तथा इस अवसर पर सम्भागीय विख्यापन अधिकारी  गौरव कुमार, मवाना गन्ना समिति के चेयरमैन  विनोद भाटी, मेरठ गन्ना समिति के चेयरमैन  वीरेंद्र सिंह दोनों चीनी मिलों के इकाई प्रमुख वाई. डी.  शर्मा (नंगलामल),  संजय चौधरी (मवाना), प्रमोद बालियान, एल. डी. शर्मा, अभिषेक श्रीवास्तव दोनों चीनी मिलों के गन्ना विभाग के अधिकारियों, गन्ना विकास सहायकों सहित लगभग 500 प्रगतिशील गन्ना किसानों ने प्रतिभाग किया।


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