इसके बगैर एंट्री नहीं, मेरठ से शुरुआत
भारत में 10 हजार होटल्स से कंपनी का टाइअप
मेरठ।अब ओयो जाने वाले कपल्स को चेक-इन के लिए अपने रिश्ते का सर्टिफिकेट देना होगा। बुकिंग चाहे ऑनलाइन हो या सीधे होटल में जाकर की गई हो, सभी ग्राहकों से ये दस्तावेज जरूर मांगे जाएंगे।
कंपनी ने फिलहाल ये नियम उत्तर प्रदेश के मेरठ में लागू किया है। मेरठ में ट्रायल के बाद इसे देश के अन्य हिस्सों में भी लागू किया जा सकता है। देशभर में 10 हजार से ज्यादा होटल्स ओयो के साथ पार्टनरशिप में बुकिंग करते हैं।
ओयो के नॉर्थ इंडिया हेड पावस शर्मा ने बताया, ‘ओयो सेफ हॉस्पिटैलिटी कल्चर को बनाए रखने के लिए कमिटेड है। हम लोगों की पर्सनल फ्रीडम का सम्मान करते हैं, लेकिन सभ्य समाज और मार्केट की जरूरतों के हिसाब से भी चलने की जिम्मेदारी को समझते हैं। हम समय-समय पर इस पॉलिसी को रिव्यू करते रहेंगे।'
मेरठ में लगातार ओयो को लेकर प्रदर्शन हो रहे थे। कई बार यहां होटलों में छापेमारी भी हो चुकी है। शिकायतों के बाद कंपनी ने अपनी इमेज साफ करने के लिए यह नियम लागू किया है। 1 जनवरी 2025 से यह नियम मेरठ में लागू कर दिया है।
मेरठ से मिला था फीडबैक, शिकायत
कंपनी ने बताया कि उसने इसके लिए लोगों से फिडबैक लिए जिसमें विशेष रूप से मेरठ से कई सामाजिक संगठनों व लोगों ने कहा था कि ओयो में सिंगल लोगों को रूम न दिया जाए। इसके अलावा कुछ अन्य शहरों में भी लोगों ने अविवाहित जोड़ों को ओयो होटल्स में चेक-इन का परमिशन देने से रोकने की अपील की है।
ओयो के खिलाफ दायर हुई थी याचिका
दरअसल, कुछ सामाजिक संगठनों ने ओयो के खिलाफ याचिका दायर की है। इसको देखते हुए कंपनी ने अपनी पॉलिसी में बदलाव करने का फैसला लिया है। कंपनी ने कहा कि ओयो ने अपने पार्टनर होटल्स को सामाजिक संवेदनशीलता के साथ तालमेल बिठाते हुए अपने विवेक के आधार पर कपल्स की बुकिंग को रिजेक्ट करने का भी अधिकार दे दिया है।
2013 में शुरू हुई थी कंपनी, 2024 में पहली बार मुनाफा हुआ
OYO की शुरुआत 2013 में रितेश अग्रवाल ने की थी। तब कंपनी ने सस्ते होटल्स को टारगेट किया। ये होटल वालों के पास जाते थे और उन्हें अपने साथ जोड़ते थे। इसके बाद वो होटल की ब्रांडिंग, मार्केटिंग, टेक्नोलॉजी सपोर्ट, कस्टमर मैनेजमेंट और उसके लुक एंड फील पर काम करते थे। इससे होटल का बिजनेस 2 गुना तक बढ़ जाता था। OYO को पहली बार वित्त वर्ष 2024 में मुनाफा हुआ था।
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