चोरी हुए मोबाइल से खाली हो रहा अकाउंट
मेरठ ।यूपी में साइबर ठगों के 20 संगठित गिरोह सक्रिय हैं। जो हर छह महीने में ट्रेंड बदलकर ठगी कर रहे हैं। इसमें शेयर मार्केट, डिजिटल अरेस्ट, सेक्सटॉर्शन और घर बैठे रुपए कमाने की स्कीम कॉमन है।आजकल साइबर ठग सिम स्वैप से भी ठगी कर रहे हैं। यह उनका नया ट्रेंड है। इसमें यह लोग लोगों के मोबाइल फोन चुराकर 24 घंटे के अंदर उस नंबर से जुड़े खाते को खाली कर दे रहे हैं।
डिजिटल अरेस्ट का गिरोह विदेश से ऑपरेट हो रहा है। इसमें कंबोडिया और चीन में बैठे लोग इंडियन गिरोह से कमीशन के तौर पर काम करा रहे हैं। ब्रजेश यादव ने बताया कि प्रदेश में सक्रिय 20 संगठित गिरोह हैं और उनके ट्रेंड चौंकाने वाले हैं।शहर में साइबर ठगों के 20 संगठित गिरोह एक्टिव हैं। इसका खुलासा पिछले दिनों हुई 117 साइबर ठगी से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी से हुआ है। प्रदेश में मथुरा साइबर ठगी का नया हब बना है। जहां डिजिटल अरेस्ट, शेयर मार्केट और घर बैठे पैसे कमाए नाम से ठगी करने वाले कॉल सेंटर चला रहे हैं।
आजकल जामताड़ा की जगह मेवात और देवगढ़ का गिरोह ज्यादा सक्रिय है। यह लोग बंगाल तक अपना जाल बिछाए हुए हैं। बंगाल के मेदनीपुर 24 परगना का एक गिरोह डिजिटल अरेस्ट और शेयर मार्केटिंग के नाम पर ठगी को लेकर अचानक सामने आया है।यह गिरोह यूपी में सक्रिय झारखंड, बिहार, राजस्थान, दिल्ली और महाराष्ट्र के ठगों की तरह काम करता है। इधर केरला, तमिलनाडु और एमपी में भी साइबर ठगों ने अपने गिरोह का स्थापित कर लिया है। साइबर ठगी नया ट्रेंड बना है। जिसमें गिरोह के सदस्य लोगों के मोबाइल फोन चुराते हैं। इसके चंद घंटों के भीतर उस नंबर से कनेक्ट खातों और यूपीआई एप से पैसा खाली कर देते हैं। लखनऊ में पिछले एक माह में इस तरह के चार मामले दर्ज हुए हैं।वहीं करीब दर्जन भर से ज्यादा मोबाइल चोरी और लूट के मामले दर्ज हुए हैं। पुलिस ने इसको लेकर एडवाइजरी भी जारी की है, कि जैसे ही मोबाइल लूट या चोरी हो तो सिम के साथ उससे जुड़े बैंक अकाउंट में भी इसकी सूचना दे दें।
अब बतातें है कैसे करते हैं यह लोग खेल
साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक साइबर क्रिमिनल अधिकतर नामी लोगों के नाम पर फर्जी आईडी बनाते हैं। चाहे ठगी करनी हो या फॉलोअर गेम करना हो। क्योंकि लोग इनके नाम पर अकाउंट से आसानी से जुड़ते हैं और इनकी हर कही बात को सही मानते हुए फॉलो करने लगते। जिसके बाद यह ठगी का शिकार होते हैं।
साइबर ठगी करने वाले इनके अकाउंट से दोस्ती की रिक्वेस्ट भेजकर पैसे मांगते हैं। वहीं फॉलोवर गेम करने वाले ज्यादा फॉलोवर होने के बाद उस प्रोफाइल का नाम और फोटो बदलकर असली कर देते हैं। जिसका फायदा ओरजिनल नाम वाले को फॉलोअर की गिनती ज्यादा होने से मिलता है।
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