कैंट के व्यापारियों को ट्रेड लाइसेंस जरूरी, वरना कड़ा एक्शन -निखिल देशपांडे
बोर्ड बैठक में बड़ा फैसला, दुकानों पर जाकर सर्वे कराएगी टीम
मेरठ। गुरुवार को हुई छावनी बोर्ड की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इनमें ट्रेड लाइसेंस को लेकर काफी विचार-विमर्श हुआ। ब्रिगेडियर निखिल देशपांडे ने साफ कहा कि अब बोर्ड की टीम शॉप टू शॉप जाकर सर्वे करेगी और कारोबारियों से उनका ट्रेड लाइसेंस चेक करेगी। जिस भी कारोबारी पर ट्रेड लाइसेंस नहीं होगा उसको नोटिस भेजा जाएगा। इसके बाद अगर कारोबारी नोटिस का संतुष्ट जबाव नहीं दे सका या अपना ट्रेड लाइसेंस पेश नहीं कर सका तो उस पर एक्शन होगा। उसका प्रतिष्ठान बंद भी हो सकता है। इसके अलावा बोर्ड बैठक में कैंट अस्पताल, ईको पार्क, पानी, सड़कों के निर्माण के मुद्दे पर भी चर्चा हुई।
कार्यालय सभागार में कैंट बोर्ड के अध्यक्ष ब्रिगेडियर निखिल देशपांडे की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैंट बोर्ड अस्पताल में रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी की सुविधा शुरू करने का निर्णय लिया गया। साथ ही जन औषधि केंद्र की स्थापना भी की जाएगी। बैठक में सीईओ जाकिर हुसैन, मनोनीत सदस्य डॉ. सतीश शर्मा और राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेई उपस्थित रहे। निर्णय लिया गया कि अस्पताल को दिल्ली कैंट अस्पताल की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। रिक्त पदों पर नई नियुक्तियां की जाएंगी। लालकुर्ती क्षेत्र के बुचड़ी रोड पर एक नया थीम पार्क बनेगा। इसमें बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए अलग-अलग खंड होंगे। आबूनाला के किनारे वृक्षारोपण की योजना भी बनाई गई। मनोनीत सदस्य सतीश शर्मा ने व्यापारियों के लिए ट्रेड लाइसेंस अनिवार्य करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि छावनी के सदर समेत अन्य क्षेत्रों में लाखों व्यापारी बिना लाइसेंस के व्यापार कर रहे। इस क्षेत्र में आबूलेन, बेगमपुल, लालकुर्ती, सदर बाजार, कंकरखेड़ा, कसेरू खेड़ा समेत तोपखाना बाजार हैं। राज्यसभा सांसद डॉ. वाजपेई ने कावड़ यात्रा के लिए राज्य सरकार से बजट की मांग की। उन्होंने कहा कि कैंट क्षेत्र में पेट्रोल पंप और शराब की दुकानों से प्राप्त करोड़ों रुपए के टैक्स का कुछ हिस्सा कैंट बोर्ड को मिलना चाहिए। बिल्डिंग निर्माण के पुराने बायलॉज में भी संशोधन किया गया है। कैंट क्षेत्र में हाईटेक लाइब्रेरी का भी प्रस्ताव रखा गया।
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