सहारनपुर में नौकरी से निकालने पर बच्चे को किया किडनैप
आरोपी बोला-पिता ने सैलरी नहीं दी, लोगों के सामने बेइज्जती की, बदला लेना चाहता था
सहारनपुर।सहारनपुर में सैलरी नहीं मिलने और नौकरी से निकाले जाने पर एक टीचर ने मदरसे के मालिक के बच्चे को किडनैप कर लिया। उसके बाद रिहा करने के लिए पिता से 25 लाख की फिरौती मांगी। पिता ने इसकी सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस ने किडनैपर पकड़ने के प्लान बनाया। उसके बाद फिरौती की रकम देने के लिए सहारनपुर में बताये गए पते पर बुलाया। किडनैपर के पहुंचते ही उन्हें दबोच लिया।
एसपी देहात सागर जैन ने बताया कि थाना गंगोह के गांव कुंडकला के रहने वाले इसरार ने 24 जनवरी को किडनैपिंग का मुकदमा दर्ज कराया था। शिकायत में बताया-वह मदरसा चलाते हैं। उनके बच्चे शाद (10) को मदरसे से घर जाते समय किसी ने किडनैप कर लिया है। बच्चे को रिहा करने के लिए 25 लाख रुपए की मांग की है।
जिसके बाद पुलिस ने किडनैपर को पकड़ने के लिए प्लान बनाया। सब कुछ तय होने के बाद किडनैपर को फिरौती की रकम देने के लिए सागाठेड़ा गांव बुलाया। किडनैपर जैसे ही साथी समेत रुपए लेने पहुंचा। दोनों को पकड़ लिया। पकड़े गए किडनैपर की पहचान मोहम्मद उसामा और अयान के रूप में हुई है। उसामा मदरसा टीचर है। जबकि अयान उसका दोस्त है। वह लखनऊ में मोबाइल शॉप चलाता है।
उसामा ने पूछताछ में बताया- वह लखनऊ का रहने वाला है। उसने 12वीं तक की पढ़ाई की है। वह पहले मोबाइल रिपेयर करने का काम करता था। वॉट्सऐप ग्रुप में एडवरटाईज पढ़ा था कि सहारनपुर में मौलाना इसरार के मदरसे में एक मौलवी की जरूरत है। इंग्लिश और हिंदी पढ़ाना था।
जिसके बाद उसने इंटरव्यू दिया और नौकरी मिल गई। उसने तीन महीने तक मदरसे में पढ़ाया। शुरुआत में तो सब ठीक रहा लेकिन तीन महीने बाद उसकी बेइज्जती करके उसे नौकरी से निकाल दिया। उसकी एक महीने की सैलरी भी नहीं दी। उसी समय उसने बदला लेने का मन बनाया।
आरोपी ने बताया कि उसने अपने साथ हुई घटना के बारे में अपने साथी अयान को बताया। उसके बाद दोनों ने इसरार के बेटे को अगवा करने का प्लान बनाया। उसने 24 जनवरी को मदरसा संचालक के बेटे शाद उसके दोस्त उजैफा और उवैश को मदरसे से घर जाते समय बाइक पर बैठाकर लखनौती तिराहे पर ले गया। वहां पर थोड़ी देर तक रुका।उसके बाद मेटाडोर स्टैंड की ओर लेकर चला गया। वहां तीनों को नशीली गोलियां मिलाकर पान खिला दिया। उसके बाद वहां से उजैफा और उवैश को वापस भेज दिया। उनके जाते ही इसरार के बेटे शाद को बेहोशी की हालत में लेकर सहारनपुर पहुंचा। उसके बाद नौचंदी ट्रेन में बैठकर अगले दिन सुबह लखनऊ रेलवे स्टेशन पहुंच गया।लखनऊ पहुंचते ही दोस्त को कॉल करके रेलवे स्टेशन पर बुला लिया। उसके बाद बच्चे को लेकर आलमबाग में अयान की मोबाइल शॉप पर चले गए। अयान ने उसे एक फर्जी सिम दिया। जिससे उसने बच्चे के पिताको फोन करके 25 लाख की फिरौती मांगी। हमें लगा कि मौलवी आसानी से पैसे दे देगा तो उसके व्हाटसअप नंबर पर तीन अकाउंट नंबर भेजे। जिसमें 10-10 और 5 लाख रुपए डालने को कहा।
आरोपी ने बताया- उसे बच्चे के किडनैपिंग मामले में केस दर्ज होने का पता चल गया था। उसे लगा था कि पैसा मिलने के बाद इसरार एफआईआर वापस ले लेगा। इसके बाद से हम बेफ्रिक हो गए। इसरार ने फिरौती मांगने पर कहा था कि दो दिन बैंक बंद है, इसलिए वो रकम ट्रांसफर नहीं कर पायेगा। कैश में ही रुपए दे पाएगा।
उसने फोन करके रुपए देने के लिए जगह बताई जिसके बाद वह अपने दोस्त के साथ सुबह ही बच्चे को लेकर सहारनपुर के गांव सागाठेड़ा के पास निर्माणधीन फ्लाईओवर के पास पहुंचा। उनके पहुंचते ही पुलिस ने दोनों को अरेस्ट कर लिया। उनके कब्जे से बच्चे को बरामद कर लिया।
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