हिमाचल के पूर्व आईजी समेत 8 पुलिस कर्मियों को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
शिमला,एजेंसी।हिमाचल के शिमला जिले के कोटखाई में हुए बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म और हत्याकांड में गिरफ्तार आरोपी सूरज की लॉकअप में हत्या के मामले में 8 पुलिस अधिकारियों को चंडीगढ़ की सीबीआई कोर्ट ने सोमवार 27 जनवरी को सजा का ऐलान किया । कोर्ट ने तत्कालीन आईजी समेत 8 पुलिस कर्मियों को उम्रकैद की सजा दी। बीते 18 जनवरी को कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश आईजी जहूर एच जैदी समेत 8 अधिकारियों को दोषी करार दिया था. जिन्हें आज सजा सुनाई गई।
सीबीआई कोर्ट द्वारा सजा पाने वाले आईजी जहूर एच जैदी समेत बाकी अधिकारियों में डीएसपी मनोज जोशी, एसआई राजिंदर सिंह, एएसआई दीप चंद शर्मा, ऑनरेरी हेड कॉन्स्टेबल मोहन लाल और सूरत सिंह, हेड कांस्टेबल रफी मोहम्मद और कॉन्स्टेबल रानित सटेटा शामिल हैं। कोर्ट द्वारा अलग अलग धाराओं के तहत अलग-अलग सजा और जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने सभी दोषियों पर 1-1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। हालांकि कोर्ट ने इस मामले में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) डीडब्ल्यू नेगी को बरी कर दिया।
इससे पहले सीबीआई कोर्ट ने सोमवार सुबह दोषियों से उनकी आखिरी अपील सुनी। कस्टोडियल डेथ का यह मामला कोटखाई क्षेत्र में 16 साल की छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या से जुड़ा है। इस मामले में करीब आठ साल तक ट्रायल चला. सीबीआई ने इस दौरान गहन जांच पड़ताल की और पुलिस टॉर्चर के सभी सबूत कोर्ट के सामने पेश किए।
दरअसल 2017 में गुड़िया (काल्पनिक नाम) रेप मामला हुआ था जिसमें एक आरोपी सूरज की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी। इसके बाद यह मामला कोर्ट में गया था, जिसमें कुल 9 पुलिसकर्मी आरोपी थे जिसमें एक तत्कालीन एसपी नेगी को बरी कर दिया है। जानकारी के मुताबिक 4 जुलाई 2017 को छात्रा जब अपने स्कूल से वापस लौट रही थी, तभी उसका अपहरण कर लिया गया था। उसके बाद छात्रा के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया और बाद में बेरहमी से उसकी हत्या कर दी गई थी।
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