दिल्ली-एनसीआर में चलानी है कार तो लगाने होंगे अलग-अलग रंग के स्टीकर

 सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 1 अप्रैल जारी हो जाएगा नया निगम लागू 

नयी दिल्ली,एजेंसी। दिल्ली या फिर एनसीआर इलाके में आप भी अपनी कार चलाते हैं तो सावधान हो जाइये। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी किया है। जिसके मुताबिक आपको अपनी कार के ऊपर एक स्टीकर लगाना होगा। जिससे वाहन के ईंधन के प्रकार की पहचान होगी। ऐसा न करने पर आप पर चालानी कार्रवाई भी हो सकती है।

दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण आम लोगों का जीना मुहाल है। यही कारण है कि इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख सख्त रहा है। अब सुप्रीम कोर्ट ने एक और आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश के मुताबिक अब सभी व्हीकल चाहे वो छोटे हों या बड़े सभी पर होलोग्राम स्टीकर होना चाहिए।सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि इस दौरान पीयूसी सर्टिफिकेट के साथ-साथ सभी जरूरी डॉक्यूमेंट होने चाहिए। इसके साथ ही सभी वाहनों पर कलर कोड होना जरूरी है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए 1 अप्रैल 2019 से पहले बेचे गए वाहनों पर रंगीन कोडेड स्टिकर अनिवार्य कर दिया है। ये स्टिकर वाहन के ईंधन टाइप को दर्शाते हैं। कोर्ट ने 13 अगस्त 2018 के अपने आदेश में संशोधन करते हुए यह आदेश दिया कि अब यह नियम 1 अप्रैल 2019 से पहले बेचे गए और एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में रजिस्टर्ड सभी वाहनों पर लागू होगा।

कोर्ट ने सभी वाहनों पर कलर कोड लगाने के आदेश दिए हैं। इसके अनुसार अब पेट्रोल और सीएनजी वाहनों के लिए नीले,डीजल से चलने वाले वाहनों के लिए नारंगी कलर का स्टीकर लगाया जाएगा। इसके अलावा बाकी वाहनों के लिए ग्रे रंग के होलोग्राम आधारित स्टिकर लगाना अनिवार्य है।इन कलर कोड वाले स्टीकर से 15 साल पुरानी पेट्रोल की और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों की पहचान ज्यादा आसानी से हो सकेगी। कि वाहन कौन से ईंधन से चल रहा है।

1 अप्रैल 2019 के बाद बेचे गए और इस आदेश का पालन नहीं करने वाले वाहनों पर मोटर वाहन अधिनियम की धारा-192 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश का पालन नहीं होने पर पहली बार 2 हजार रुपये से लेकर 5 हजार रुपये का तक जुर्माना लगाया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति दोबारा यही गलती करा है तो उसे 5 से 10 हजार का जुर्माना या एक साल की सजा हो सकता है।

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