जन्मों के पुण्य जगते हैं तभी कथा सत्संग में पहुंचते हैं- अरविंद ओझा

 मेरठ। सोमवार को  मूर्ति मन्दिर नागा बाबा ट्रस्ट सूरज कुंड  में हनुमत कथा प्रारम्भ हुई । कथा व्यास अरविन्द भाई ओझा ने हनुमत कथा पर प्रकाश डालते हुए कहा जब हम पर परमात्मा की अतिकृपा होती है और जन्मजन्मांतर के पुण्य जाग्रत होते हैं तभी हम कथा सत्संग में पहुंच पाते हैं।  इन कथाओं में संतों सज्जनों के सानिध्य में हमारा विवेक जाग्रत होता है जिससे बुद्धि अच्छे और बुरे का भेद कर पाती है।  

   बोले  हर व्यक्ति में सुमुति व कुमुति (अच्छाई व बुराई) दोनों होती है पर उसके जीवन में  क्या बढ़े ये बुद्धि पर निर्भर करता है और बुद्धि जड़ होती है और उसकी जड़ता को  विवेक रूपी हल उर्वरक बनाता है हनुमान जी की भक्ति करने से हमारा विवेक जाग्रत होता है जीवन में अच्छाईयां बढने लगती है ।  जिस प्रकार हीरा और कोयला एक ही स्थान पर पैदा होते हैं पर अपने अपने  गुणों के कारण हीरा मुकुट की शोभा बढ़ाता और कोयला जल कर नष्ट हो जाता इसलिए परमात्मा ने हमें मनुष्य जीवन अनमोल दिया है जिसे हमें भक्ति के तराश कर हीरा बनाना चाहिए।  भगवान शिव की कृपा से ही श्री राम जी की भक्ति प्राप्त होती है हनुमानजी भगवान शिव के अंश है और हम पर कृपा करने के लिए राम जी के द्वार पर बैठते हैं। इसलिए हनुमान जी की भक्ति करने से स्वतः ही राम जी की  कृपा प्राप्त होती है| 

         आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि  मनुष्य को अपने जीवन में भावना को बढ़ाना चाहिए | मनुष्य के जीवन में भावना जगने से ही मानवता जगती है और भावना समाप्त होने से यही मानव दानव बन जाता है । किसी भी व्यक्ति को जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए उसके जीवन में उत्साह और द्रढ़ इक्छाशक्ति होनी चाहिए इनके बल पर ही व्यक्ति असभव कार्य को भी सम्भव कर सकता है और ये दोनों हमे हनुमान जी के जीवन में दिखाई देती है इसलिए हमे हनुमान जी का अनुसरण करना चाहिए | हनुमान जी ने जीवन में जो तप किया है उसी के कारण उनकी कथा अमृत कथा हो गयी जिसे भगवन श्री राम स्वयं सुनने को ललायित रहते है । कथा व्यास अरविंद जी ने कहा कि समाज में 19 से 48 वर्ष की आयु के लोगो को अपने परिवार ,समाज ,धर्म व राष्ट्र की सेवा निस्वार्थ भाव से यह भगवान की सेवा है ऐसा मानकर करनी चाहिए क्योकि मानस में भगवान शंकर ने पार्वती जी से कहा है जो लोग निस्वार्थ सेवा और प्रेम करते है भगवान उनकी प्रशंसा स्वयं अपने मुख से करते है ।राजगोपाल कात्यायन ,संजीव अग्रवाल, मुकेश शर्मा , संजीव गर्ग ,अंशुल गुप्ता, उत्तम सैनी का सहयोग रहा।   कथा में मुख्य यजमान अभिषेक जैन ,बृजेश गुप्ता, वीरेंद्र गुप्ता ,ओमप्रकाश चौहान, कमल कांत  शर्मा व विनीत शारदा ,प्रो पवन कुमार मनोज सिंघल , राजेश बंसल, अजय शर्मा, पदम सेन गर्ग ,संजय शर्माआदिगणमान्य उपस्थित रहे।

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