आर्मी इंटेलिजेंस व मेरठ एसटीएफ ने अग्निवीर भर्ती के नाम पर ठगने वाले आरोपी को दबोचा 

बीस लाख रूपये लेकर कराते हुए फर्जी मेडिकल , गैंग के सदस्यों की तलाश में जुटी एसटीएफ 

मेरठ। मेरठ एटीएफ और आर्मी इंटेलिजेंस मध्य कमान ने आर्मी भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले युवक को अरेस्ट कर लिया। शुक्रवार रात वह मेरठ कैंट में मिलिट्री अस्पताल के पास कुछ युवाओं से डील करने आया था। तभी वह हत्थे चढ़ गया।फिलहाल आरोपी से थाने में पूछताछ की जा रही है। उसके पास से फेक आईकार्ड, अग्निवीरों की लिस्ट सहित अन्य फर्जी डॉक्यूमेंट्स भी बरामद हुए। जिनकी जांच की जा रही है। इससे पहले भी आरोपी सेना भर्ती और सीटेट पेपर लीक के मामले में जेल जा चुका है। पुलिस ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी बागपत के छपरौली थाना क्षेत्र के हेवा गांव निवासी राहुल सिंह है।

एसटीएफ एसपी बृजेश कुमार ने बताया कि मिलिट्री इंटेलिजेंस को काफी दिनों से अग्निवीर भर्ती के नाम पर युवाओं के साथ फ्रॉड होने की शिकायत मिल रही थी। सितंबर माह में ही पांच शिकायतें पहुंची। इसके बाद एसटीएफ और मिलिट्री इंटेलिजेंस अलर्ट हो गई।शुक्रवार को इनपुट मिला कि एक युवक मिलिट्री अस्पताल के आसपास है। वह यहां सेना भर्ती कार्यालय के पास लोगों से सौदेबाजी करने वाला है। इनपुट पर दोनों टीमों ने वहां घेराबंदी करते हुए आरोपी को पकड़ लिया। पूछताछ में उसने अपना नाम राहुल बताया।

आरोपी राहुल ने पूछताछ में बताया कि वह अपने साथी राजू पटेल निवासी बिहार, गुमित पुत्र सोहनलाल निवासी हेवा थाना छपरौली बागपत और सोमवीर पुत्र मदनलाल निवासी खिडवाली थाना सदर रोहतक हरियाणा के साथ मिलकर सेना में फर्जी तरीके से भर्ती कराने का काम करता है।राहुल ने बताया कि राजू पटेल और होशियार सिंह निवासी मथुरा से उसकी मुलाकात गाजियाबाद में हुई थी। ये लोग ग्रुप डी में लड़कों को भर्ती कराते हैं। उसके बाद होशियार सिंह ने उसे सोमवीर से मिलवाया। सोमवीर ने ग्रुप डी में लड़के उपलब्ध कराने को कहा।सोमवीर ने उससे कहा था कि प्रत्येक भर्ती पर उसे 50 हजार रुपए बतौर कमीशन मिलेंगे। इस पर वह राजी हो गया। उसने बताया कि राजू पटेल कोलकाता में भर्ती कराता है। सोमवीर ने मेरी उससे बात कराई। राजू पटेल ने मुझसे कहा-आप लड़कों से मेरी सीधी बात करा दिया करो। तुम्हारा कमीशन मिल जाएगा। उसके बाद राजू पटेल को कमीशन पर लड़के मुहैया कराए।

ये सामान हुआ बरामद

राहुल की गाड़ी से 5 एडमिट कार्ड, अग्निवीर अभ्यार्थियों की चयनित लिस्ट पर कर्नल डायरेक्टर रिक्रूटिंग, आरटीजी आफिस, एचक्यू, कोलकाता के नाम की मोहर व हस्ताक्षर है। राहुल कुमार ने बताया कि राजू पटेल, सुमित, सोमवीर द्वारा मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर अनुचित लाभ कमाने के उद्देश्य से धोखाधड़ी करते हैं।

राहुल सेना में भर्ती कराने के नाम पर युवाओ को ठगने के मामले में पहले भी जेल जा चुका है। ग्रुप डी की परीक्षा के दौरान नोएडा पुलिस ने राहुल को पकड़कर जेल भेजा था। जेल से बाहर आने के कुछ दिनों बाद सोमवीर से दोबारा बातचीत हुई। इसके बाद फिर से वह सक्रिय हो गया। राहुल पेपर लीक कराने में भी शामिल है। ​​​​​​​​​​​​​​

राहुल खुद को BSF और इंडियन आर्मी का बताता था

राहुल ने बताया कि वह ऐसे लोगों को टारगेट करता था, जो आर्मी में एक से लेकर 5 नंबर कम आने के कारण चूक गए। ऐसे लोगों की वह और उसकी टीम लिस्ट तैयार करते थे। इसके बाद वह लोग उन युवाओं से संपर्क करते। युवाओं से संपर्क होने पर राहुल खुद को इंडियन आर्मी का बताता। यह भी कहता है कि सेना में बड़ी रैंक वाले अफसर उसके जानने वाले हैं।वह सेना में आसानी से भर्ती करा देगा। इस दौरान वह लोगों को भर्ती कराने के फर्जी डाक्यूमेंट्स दिखाता। इस पर युवा उस पर विश्वास कर लेते थे। जो सवाल जवाब अधिक करते थे, उनकी बात वह राजू पटेल से करवा देता था।

20 लाख तक वसूलते थे

राहुल ने बताया कि सेना में भर्ती कराने के नाम पर वह प्रति युवा से 20 से 30 लाख रुपए लेता था। जिसका उसे कमीशन मिलता था। सितंबर माह में उसने करीब 27 लाख रुपए लोगों से ठगे थे। रुपए वसूलने के बाद आरोपी युवाओं को फर्जी ज्वाइनिंग लेटर थमा देते थे। जब युवा आर्मी के भर्ती कार्यालयों में पहुंचते थे तो उन्हें पता चलता है कि लेटर फर्जी है। इसके बाद उन्हें पता चलता कि उनके साथ ठगी हुई है।

बताया कि जो पीड़ित रुपए मांगता, उसे आरोपी जान से मारने की धमकी देते थे। बताया कि मेरठ या अन्य जनपदों में युवाओं का फर्जी मेडिकल व बायोमैट्रिक कराते थे। ताकि उन्हें विश्वास हो जाए। STF राहुल के नेटवर्क को खंगाल रही है। साथ ही उसके साथियों की जानकारी जुटाई जा रही है।कहना है कि वायरल वीडियो की जांच की जा रही है, ये कहां की है, कब की है। जांच के बाद माामले में कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले भी थार पर स्टंटबाजी के कई वीडियो सामने आ चुके हैं।

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