वैंकटेश्वरा में विख्यात साहित्यकार डा. मधु चतुर्वेदी कृत महाकाव्य ‘देवयानी’ का भव्य लोकार्पण 

-भारतीय संघ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान में एन.टी.ए. भारत सरकार के चेयरमैन डा. प्रदीप जोशी, जर्मनी एवं ट्रिनिडाड के पूर्व राजदूत एवं  बिड़ला फाउंडेशन (ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदत्त करने वाली संस्था) के अध्यक्ष डा. सुरेश रितुपर्ण, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के अधीन ‘रज़ा संग्रहालय’ के निदेशक प्रो. (डा.) पुष्कर मिश्रा ने संस्थापक अध्यक्ष श्री सुधीर गिरि एवं प्रतिकुलाधिपति डा. राजीव त्यागी के साथ मिलकर देश भर से आमंत्रित कवियों एवं साहित्यकारों को  किया सम्मानित 

-लन्दन से आयी नेहरु कल्चरल फाउंडेशन की पूर्व अध्यक्षा एवं वरिष्ठ साहित्यकार डा. दिव्या माथुर, आयरलैंड से डा. अंजलि दोहटी समेत देश एवं विदेश से आये 156 साहित्यकारों को शॉल, तुलसी पौधा एवं सम्मान प्रतीक भेंटकर ‘वैंकटेश्वरा सृजन सम्मान-2024’ से किया सम्मानित 

-भारत को दुनिया का सिरमौर बनाने के लिए हम सब की जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने देश के उच्च कोटि के साहित्य एवं सांस्कृतिक विरासत को प्रभावी रूप से युवा पीढ़ी को आत्मसात कराये- डा. प्रदीप जोशी, पूर्व अध्यक्ष संघ लोक सेवा आयोग (यू.पी.एस.सी.) भारत सरकार एवं चेयरमैन एन.टी.ए./ मुख्य अतिथि 

-इतिहास गवाह है कि जिस देश में साहित्यकारों, शिक्षाविदों, कवियों एवं कलमकारों का सम्मान किया जाता है, वो ही विश्वविजेता होता है – डा. सुरेश रितुपर्ण पूर्व राजदूत एवं अध्यक्ष बिड़ला फाउंडेशन (ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान करने वाली संस्था) नई दिल्ली/ कार्यक्रम अध्यक्ष 

-नारी अस्मिता एवं नारी सम्मान को विभिन्न रूपों में समाहित कर ऐसे महाकाव्य ‘देवयानी’ की रचना डा. मधु चतुर्वेदी जैसी मनीषी साहित्यकार ही कर सकती है – प्रो. (डा.) पुष्कर मिश्रा विख्यात शिक्षाविद, निदेशक रज़ा संग्रहालय संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार 

-साहित्य एवं संस्कृति हमारी विरासत होने के साथ-साथ एक सौ चालीस करोड़ भारतीयों की आत्मा है – श्री सुधीर गिरि संस्थापक अध्यक्ष वैंकटेश्वरा समूह 

-आदरणीय मधु चतुर्वेदी जी को यदि आज के युग की महादेवी वर्मा कहा जाये तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी– डा. राजीव त्यागी, प्रतिकुलाधिपति श्री वैंकटेश्वरा विश्वविद्यालय / संस्थान 

मेरठ।आज राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास स्थित श्री वैंकटेश्वरा विश्वविद्यालय /संस्थान में देश की विख्यात कवियत्री/ साहित्यकार डा. मधु चतुर्वेदी द्वारा कृत महाकाव्य ‘देवयानी’ का शानदार भव्य लोकार्पण हुआ | इसके साथ ही इस शानदार समारोह में देश भर से आये एक सौ छप्पन साहित्यकारों को शॉल, सम्मान पत्र एवं तुलसी पौधा भेंटकर ‘वैंकटेश्वरा सृजन सम्मान-2024’ से सम्मानित किया गया |

श्री वैंकटेश्वरा विश्वविद्यालय के रवीन्द्रनाथ टैगोर आडिटोरियम में आयोजित महाकाव्य ‘देवयानी’ का लोकार्पण समारोह एवं ‘वैंकटेश्वरा सृजन सम्मान-2024’ का शुभारम्भ मुख्य अतिथि यू.पी.एस.सी. के पूर्व चेयरमैन डा. प्रदीप जोशी, समूह अध्यक्ष श्री सुधीर गिरि, यू.पी.टी.यू.  के पूर्व कुलपति डा. आर. के. खाण्डाल, संस्कृति मंत्रालय के डा. पुष्कर मिश्रा, बिड़ला फाउंडेशन के डा. रितुपर्ण, प्रतिकुलाधिपति डा. राजीव त्यागी, डा. मधु चतुर्वेदी, डा. राहुल अवस्थी, डा. यतीन्द्र कटारिया आदि ने सरस्वती माँ की प्रतिमा के सन्मुख दीप प्रज्ज्वलित करके किया | अपने सम्बोधन में मुख्य वक्ता बिड़ला फाउंडेशन के अध्यक्ष डा. सुरेश रितुपर्ण कहा कि वर्तमान समय में डा. मधु चतुर्वेदी के समकालीन कोई साहित्यकार दूसरा नही दिखाई देता है, जिन्होंने नारी अस्मिता पर इतने बड़े महाकाव्य की रचना की, अगर इनकी तुलना महादेवी वर्मा से की जाये तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी | कार्यक्रम का शानदार समापन एवं संचालन करते हुए विख्यात कवि एवं साहित्यकार डा. राहुल अवस्थी ने कहा कि ऐसे महाकाव्य सदियों में एकाध बार समृद्ध होते है, यह हमारा सौभाग्य है कि हम अपनी सदी के इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बन रहे है |



वैंकटेश्वरा सृजन सम्मान -2024’ को संस्कृति मंत्रालय के निदेशक डा. पुष्कर मिश्रा, प्रतिकुलाधिपति डा. राजीव त्यागी, कुलपति प्रो. (डा.)  कृष्ण कान्त दवे आदि ने भी सम्बोधित किया | इस अवसर पर कुलसचिव डा. पीयूष पांडेय, डा. राजेश सिंह, डा. मधुसूदन चतुर्वेदी, डा. रवि यादव, डा. आलोक मैत्रेय, डा. हिता मिश्रा, डा. शिवदर्शन दुबे, डा. मधुमुकुल चतुर्वेदी, आदि सम्मानित लोग उपस्थित रहे | इस शानदार कार्यक्रम का संचालन डा. अभिनव एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. यतीन्द्र कटारिया ने किया |

No comments:

Post a Comment

Popular Posts