कथा से पहले जेवर-तेवर घर रखकर आओ-प्रदीप मिश्रा
शिव महापुराण में जुटे लाखों की संख्या में श्रद्धालू
मेरठ।शताब्दीनगर में शिव महापुराण कथा में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा- "संभल में जो मंदिर बरसों से बंद पड़ा था, वो अब खुल गया है। इसके लिए मैं योगी जी का साधुवाद करता हूं। बच्चों को संस्कार देने में समय लगाओ। अपने तन मन और धर्म तीनों को परमात्मा में लगाओ।अगर घर के बच्चे गलत जगह जा रहे हैं तो समझो आपसे कहीं न कहीं चूक हो रही है। बहन, बेटी और पत्नी के नेत्र अगर झुके रहते हैं, तो उसके घर के भाई, पिता और पति को माथा नीचा नहीं करना पड़ता है। वो सीना तानकर चलता है। कथा में आने से पहले जेवर और तेवर घर रखकर आओ। कथा में इनकी कोई जरूरत नहीं है।"
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा- " जिंदगी में कोई रोग आ गया, डॉक्टर इलाज नहीं कर पा रहे हैं। पानी को वाणी से अमृत बनाओ। रुद्राक्ष पहनो या नहीं पहनो लेकिन मीठी वाणी का रुद्राक्ष जरूर पहनो। मीठी वाणी बोलिए। अगर आपके पास कुछ नहीं है, न जमीन है, न बंगला है, न पैसा है और आपके पास मीठी वाणी हैं। अगर आपके पास मीठी वाणी है तो सबकुछ है। पड़ोसी भी आपका गुणगान करेंगे।पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा- "आप कितने भी पैसे वाले हो अपने लिए होंगे। कितना भी अमीर होगा, कितना गरीब होगा, शिव के घर श्मशान में जो जायेगा वहां एक जैसा जाएगा।"कथा के समापन पर भगवान शिव की आरती शुरू हुई तो श्रद्धालु झूम उठे कितने ही श्रद्धालुओं की आंखों में आंसू आ गए। पूरे पंडाल में तालियों का शोर और आरती सुनाई देने लगी। हर हर महादेव के जयकारे गूंजने लगे। महिलाएं, युवा, बुजुर्ग भगवान भोले की भक्ति में लीन हो गए।श्रद्धालुओं का कहना है कि कथा वाचक प्रदीप मिश्रा को जिसने भी टीवी पर एक बार सुना वह फिर उनको सुने बिना नहीं रहता है। प्रदीप मिश्रा की कथा सुनने के बाद से उनके जीवन में बड़े बदलाव आए हैं। सुख शांति मिली है।
प्रदीप मिश्रा ने अपनी कथा में मेरठ का खूब बखान किया। उन्होंने कहा-" मेरठ का वर्णन सिर्फ सतयुग में ही नहीं मिलता बल्कि त्रेता और द्वापर युग में भी इसका वर्णन मिलता है। मेरठ का नाम राजा मय के नाम पर है। राजा मय ने सतयुग में भगवान शिव की आराधना की। उनकी पुत्री मंदोदरी भी भगवान शिव की बड़ी भक्त थी। बिलेश्वरनाथ मंदिर आज भी इसका प्रमाण है। बाबा औघड़दानी का पौराणिक मंदिर भी यहां है। ऐसी पावन धरती पर शिवपुराण कथा सुनना अमृतपान से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरठ के एक ओर हरिद्वार है तो दूसरी ओर हस्तिनापुर नगरी है। बीच में शिव कथा हो रही है।
कथा के आयोजनकर्ता के अनुसार-कथा सुनने के लिए कई राज्यों से श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। कथा के दूसरे दिन 1 लाख से अधिक श्रद्धालु पंडाल में आ चुके हैं। इनमें बुजुर्ग महिलाओं की संख्या अधिक है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु टेंपो बस से आए हैं। ऐसे में रोड पर जगह-जगह भीड़ लगी हुई है। दिल्ली मेरठ हाईवे पर 2 किलोमीटर के दायरे में हर कट पर ट्रैफिक पुलिस और पुलिस अधिकारी मौजूद हैं। एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र मिश्रा खुद लोगों को बिठाने के लिए वाहनों को रुकवा रहे हैं।
एसपी सिटी एसपी क्राइम, 3 सीओ समेत बड़ी संख्या में पुलिस तैनात
भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कारण इंतजाम किए हुए हैं। आठ जगहों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह, एसपी क्राइम अवनीश कुमार समेत तीन सीओ, 2 एसपी और 600 से ज्यादा संख्या में पुलिसकर्मी लगाए गए हैं। ट्रैफिक पुलिस व्यवस्था बनाने की कोशिश कर रही है लेकिन कथा खत्म होने के बाद दिल्ली हाईवे पर लंबा जाम लग रहा है।
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