17बंदूक व 700 कारतूस के साथ दरोगा के बेटे को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार
पंजाब से फर्जी रसीद पर लेकर मौटे दामों में बेचता था हथियार
मेरठ। मेरठ एसटीएफ को उस समय बड़ी सफलता मिली जब उसने कंकरखेडा क्षेत्र में मकान पर छापा मारकर मथुरा में पुलिस विभाग में तैनात एक दरोगा के पुत्र को हथियारों व कारतूस के साथ गिरफ्तार किया है।पकड़ा गया दरोगा का पुत्र हथियार सप्लाई का गैंग चला रहा था यह गैंग एक के -47 तक सप्लाई कर चुका है। एसटीएफ पकड़े गये दरोगा के पुत्र यह जानकारी प्राप्त करने में जुटी है। उसके साथ कितने लोग जुड़े है। अब तक वह कितने लोगों को हथियारों की सप्लाई कर चुके है।
एसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया शनिवार रात रोहन और उसके साथी बंदूकें और कारतूस किसी व्यक्ति को देने के लिए यहां आए थे। इस बात कर भनक जैसे ही एसटीएफ काे लगी तो आधी रात कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में घेराबंदी की और हथियार तस्कर को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान उसके 4 साथी फरार हो गए। उसके पास से स्कॉर्पियो में हथियार बरामद हुए। इनमें 5 सिंगल बैरल, 12 डबल बैरल बंदूकें और 700 कारतूस शामिल हैं।गैंग के बाकी सदस्यों की तलाश में एसटीएफ की टीम जुटी हुई है। एसटीएफ की टीम रोहन से पूछताछ कर रही है कि वह अब तक कहां-कहां हथियारों की सप्लाई कर चुका है। रोहन के पिता राकेश सिंह यूपी पुलिस में दरोगा हैं। इन दिनों उनकी तैनाती मथुरा में है।
पोस्ट ग्रजेएट है हथियारों को सप्लायर
रोहन ने पोस्ट ग्रेजुएशन किया। उसने दरोगा परीक्षा की भी तैयारी की, लेकिन पास नहीं कर पाया। इसके बाद वह ठेकेदारी करने लगा। इसी दौरान उसकी मुलाकात हथियार तस्कर अनिल बालियान से हुई। ज्यादा पैसा कमाने के लालच में वह हथियारों की तस्करी का काम करने लगा। रोहन ग्राहकों को खोजता था, उनका नेटवर्क तैयार करता था। सौदा तय होने के बाद वह हथियार सप्लाई कर देता था।
पंजाब से लाते थे हथियार, गन हाउस मालिक देता था फर्जी रसीद
मथुरा पुलिस में दरोगा के पद पर तैनात राकेश सिंह मूल रूप से बागपत के बड़ौत के रहने वाले हैं। उनका बेटा रोहन सिंह ठेकेदारी के साथ ही हथियार तस्करी का भी काम करता था। STF के SP बृजेश कुमार सिंह ने बताया- हमारी टीम को इनपुट मिला कि एक हथियार तस्कर पंजाब से बड़े पैमाने पर हथियार लाकर वेस्ट यूपी में सप्लाई करता है।रोहन ने बताया कि इन हथियारों को वह और उसके साथी पंजाब से लाते थे। फिर इन्हें यूपी, दिल्ली और बिहार में सप्लाई करते थे। काफी समय से यह काम कर रहा था। उसके पास से जो हथियार मिले हैं, ये सभी बंदूकें पंजाब में गन हाउस से खरीदी गई थीं। गन हाउस का मालिक इन बंदूकों की फर्जी रसीद काटकर देता था। इस गैंग के सदस्यों का नेक्सस कई राज्यों में फैला है।
50 हजार में खरीदकर एक लाख में बेचते थे बंदूक
एसपी बृजेश कुमार सिंह का कहना है, रोहन ने बताया कि वह और उसके साथी बंदूक 40 से 50 हजार और कारतूस (315 बोर) 100 रुपए के हिसाब से खरीदते थे। इसके बाद वे लोग इन बंदूकों को 80 हजार से 1 लाख में और कारतूस 200 से 250 रुपए में बेच देते थे।इससे उनकी लागत से दोगुना कमाई होती थी। मराठा गन हाउस का मालिक इन्हें बंदूक और कारतूस की किसी अन्य व्यक्ति के नाम से फर्जी रसीद काटकर देता था। फर्जी रसीदें अनिल बालियान अपने पास रख लेता था।
गैंग का लीडर है अनिल बालियान, बरामद हुई थी एके-47
अनिल बालियान काफी समय से हथियारों की तस्करी के काम में लगा है। शामली पुलिस ने कुछ दिन पहले अनिल से एके-47 राइफल भी बरामद की थी। अनिल बालियान और रोहन मेरठ के शारिक और रिजवान गैंग से 30 बोर के पिस्टल 1 लाख रुपए में लेते थे।इसके बाद ये लोग उसे डेढ़ लाख रुपए में बागपत के रमाला में रहने वाले दीपक भूरा, बड़ौत के वाजिदपुर में रहने वाले विपिन और बागपत के बिनौली में रहने वाले पिंटू दाढ़ी को बेचते थे।इस अंतरराज्यीय गैंग का मुख्य सरगना अनिल बालियान उर्फ अनिल बजी है। यह गैंग पंजाब से अवैध हथियार की तस्करी कर पश्चिमी यूपी और दिल्ली-एनसीआर समेत अन्य जिलों में सप्लाई करते हैं।
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