कार्यशाला में  नन्हे मुन्हें बच्चों को सिखाए संस्कार 
मेरठ। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा प्रत्येक माह नन्हे बच्चों के लिए विशेष कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं, जिनमें 15 साल तक के बच्चों में मनोरंजक गतिविधियों के माध्यम से श्रेष्ठ संस्कारों को रोपित किया जाता है। इसी प्रकल्प के अंतर्गत बुधवार को 'आरोग्य संस्कारशाला' नामक एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम में  आशुतोष महाराज  की शिष्या एवं संस्थान की मेरठ शाखा की संयोजिका साध्वी आर्या भारती ने बच्चों को समझाते हुए बताया कि जैसे मनुष्य को शारीरिक विकास के लिए भोजन की जरूरत होती है, ठीक उसी प्रकार आत्मिक रूप से सशक्त होने के लिए श्रेष्ठ संस्कारों की ज़रूरत है। आगे साध्वी  ने जंक फूड खाने वाले बच्चों को हरी सब्जियां खाने के लिए प्रेरित किया और कहा कि शास्त्रों में वर्णित है 'अन्नं ब्रह्म' अर्थात् अन्न ब्रह्म है। एक प्राचीन लोकोक्ति भी है 'जैसा खाए अन्न, वैसा होय मन'। इसका मतलब हमारे भोजन का सीधा प्रभाव हमारे चरित्र व मन पर पड़ता है। इसलिए सभी को बहुत ध्यान से अपने भोजन का चुनाव करना चाहिए। साध्वी ने मोबाइल में वीडियो देखने के दुष्प्रभावों को भी सभी के समक्ष उजागर किया।
कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों के माता-पिता ने बताया कि जब से उनके बच्चों ने संस्थान की इन कार्यशालाओं में आना शुरू किया है, तब से बच्चों में बहुत सकारात्मक बदलाव आया है। जो बच्चे हर समय पाश्चात्य संस्कृति की महिमा गाते थे, आज उनके कदम वैदिक संस्कृति की ओर बढ़ रहे हैं।

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