नोएडा के पूर्व चेयरमैन के ठिकानों पर ईडी ने मारा छापा

करोड़ों के हीरे व नकदी बरामद, मुज़फ्फरनगर में भी रहे थे डीएम

नई दिल्ली,एजेंसी।यूपी के पूर्व आईएएस अफसर और नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ व चेयरमैन रहे सरदार मोहिंदर सिंह के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। चंडीगढ़ स्थित उनकी आलीशान कोठी समेत दिल्ली, नोएडा, मेरठ और गोवा के कई ठिकानों पर छापेमारी की गई। इस छापेमारी में करोड़ों की नकदी, हीरे-जवाहरात, सोने के आभूषण और संदिग्ध दस्तावेज़ बरामद हुए हैं।

बता दें कि मंगलवार को मेरठ में  शारदा एक्सपोर्ट ग्रुप के मालिक जितेंद्र गुप्ता के प्रतिष्ठानों पर ईडी की टीम ने छापा मारा, बुधवार तक यह जांच पूरी की गई जिसके बाद मोहिंदर सिंह के आवास समेत अन्य स्थानों पर छापेमारी की गई।

ईडी की टीम ने मेरठ स्थित शारदा एक्सपोर्ट के मालिक, उनसे जुड़े लोगों और उनकी योजनाओं में मदद करने से जुड़े लोगों के मेरठ, दिल्ली, चंडीगढ़ और गोवा के ठिकानों पर भी छापेमारी की।  ईडी सूत्रों के मुताबिक इस दौरान मिले कई दस्तावेजों से महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी, इसके बाद ही ईडी की दो टीमों ने वर्ष 2011 में नोएडा के सीईओ और चेयरमैन रहे मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित आवास पर बुधवार तड़के दबिश दे दी जहां से करोड़ों रुपए की संपत्ति बरामद की गई है।बताया जाता है कि मोहिंदर सिंह के आवास से 7 करोड रुपए के हीरे, एक करोड रुपए की नगदी बरामद हुई है। इनके अलावा मेरठ में शारदा एक्सपोर्ट के मालिक के आवास पर छापे में भी 5 करोड़ से ज्यादा के हीरे व अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हैं।  बताया जाता है कि मोहिंदर सिंह के बेड व अलमारी के अंदर हीरे मिले हैं।

ईडी के सूत्रों ने बताया कि पूरी कार्रवाई में तीन घरों से 7 करोड रुपए का सोना व अन्य जेवर भी मिले हैं, साथ ही वहां से कई अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं जिनका गृह स्वामी कोई जवाब नहीं दे पाए हैं। बता दें कि वर्ष 2018 में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने नोएडा के सेक्टर 107 में लोटस 300 प्रोजेक्ट के मामले में रियल एस्टेट कंपनी 3C के तीन डायरेक्टर निर्मल सिंह, सुरप्रीत सिंह और विदुर भारद्वाज को गिरफ्तार किया था। अधिकारियों के मुताबिक 24 मार्च 2018 को होम बायर्स की शिकायत पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था, पुलिस के मुताबिक बायर्स से प्रोजेक्ट में 636 करोड़ की रकम ली गई थी, जिसमें से लगभग 191 करोड़ की रकम 3C कंपनी की सब्सिडरी कंपनी में ट्रांसफर की गई, जिनका कंस्ट्रक्शन से कोई लेना देना नहीं था।

नोएडा की हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लोटस-300 प्रोजेक्ट में 330 फ्लैट बनाने के लिए निवेशकों से 636 करोड़ रुपये जुटाए थे। जबकि कंपनी ने लोगों को फ्लैट देने के बजाय प्रोजेक्ट की सात एकड़ भूमि दूसरे बिल्डर को बेच दी थी। इसके बाद निवेशकों ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा में कंपनी और निदेशकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए थे। मामले में नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों की भूमिका पर भी तमाम सवाल उठे थे।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी  मार्च 2024 में कहा था कि यह ठगी का एक क्लासिक मामला है। प्रमोटरों को बिना किसी राशि के निवेश के बड़ी मात्रा में जमीन आवंटित की गई, एक परियोजना शुरू की गई और घर खरीदारों से 636 करोड़ रुपये एकत्र किए गए। जिसमें से फिर से लगभग 190 करोड़ रुपये का गबन किया। फिर जमीन का एक हिस्सा तीसरी कंपनी को बेच दिया गया ।

 बता दें कि मेरठ स्थित शारदा एक्सपोर्ट के मालिक आदित्य गुप्ता और आशीष गुप्ता के पिता जितेंद्र गुप्ता स्वच्छ भारत अभियान समिति के सदस्य हैं। जितेंद्र गुप्ता 2014 में प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान में 9 रत्नों में शामिल थे। इन्होंने मेरठ के ग्रामीण इलाकों में 4 हजार से ज्यादा शौचालय अपने पैसों से बनवाए हैं। केंद्र सरकार के लिए लगभग एक करोड़ रुपये खर्च किए हैं। साथ ही 20 से ज्यादा आरओ प्लांट गांवों में लगवाए है।

बता दें कि मोहिंदर सिंह नोएडा में सीईओ और चेयरमैन रहने से पूर्व उत्तर प्रदेश के ही मेरठ और सहारनपुर में मंडलायुक्त समेत मेरठ, मुज़फ्फरनगर और फतेहपुर आदि कई ज़िलों में जिलाधिकारी भी रह चुके थे।

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