सुभारती में हर्षोल्लास से मनाई गई कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती

युद्ध से बचने के लिए हमें शक्ति संपन्न होना होगा-डॉ. अतुल कृष्ण

शहीदों के परिजनों को नमन करते हुए किया गया सम्मानित

विश्वविद्यालय में नजर आया कारगिल विजय दिवस का जुनून

मेरठ। कारगिल विजय दिवस के रजत जयंती के अवसर पर देशभक्ति के जुनून से लबरेज स्वामी विवेकानंद  सुभारती विश्वविद्यालय में कारगिल विजय दिवस रजत जयंती समारोह का दो दिवसीय कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।

 मांगल्य प्रेक्षागृह में कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि मेजर जनरल आलोक बेरी, परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर संजय कुमार, जीओसी 22 डीविजन मेजर जनरल अनुपम अग्रवाल,डिप्टी जीओसी मेरठ सब एरिया ब्रिगेडियर निखिल देशपांडे, विश्वविद्यालय की कुलाधिपति डॉ. स्तुति नारायण कक्कड़,  कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल, प्रतिकुलपति डॉ. हिमांशु ऐरन, विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ. अतुल कृष्ण,  मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.शल्या राज,निदेशक लोकप्रिय अस्पताल व मार्स रिसॉर्ट डॉ. रोहित रविंद्र,  कार्यक्रम के मुख्य संयोजक व सुभारती डिफेन्स एकेडमी के निदेशक कर्नल राजेश त्यागी अमित जोशी व अवनी कमल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। 



इसके पूर्व इन सभी के द्वारा विश्वविद्यालय में स्थापित कारगिल शहीद उपवन व आइएनए शहीद स्मारक में शहीदों को पुष्पांजलि भी अर्पित की गई।स्वागत भाषण को सम्बोधित करते हुए सुभारती डिफेन्स एकेडमी के निदेशक कर्नल राजेश त्यागी ने सभी अतिथियों एवं विद्यार्थियों को कारगिल विजय दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि कारगिल विजय को प्राप्त करने में शहीद हुए भारत माता के वीर जवानों की याद को अमिट बनाने के उद्देश्य से स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय में ‘‘कारगिल शहीद स्मृति उपवन” की स्थापना की गई है इसके साथ ही विश्वविद्यालय में आइएनए के शहीदों व स्वतंत्रता के बाद से अभी तक शहीद हुए भारतीय सेनाओं के अमर शहीदों की पावन स्मृति को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए आइएनए शहीद स्मारक की भी स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि सभी देशवासियों का कर्तव्य है, कि वह शहीद सैनिकों के परिजनों को सम्मान दें और उनकी सहायता करें। उन्होंने कहा कि हमारे वीर सैनिकों ने जिस प्रकार कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को चारों खाने चित करके विजय ध्वज फहराया था इसी भावना का सम्मान करते हुए आज सुभारती विश्वविद्यालय शहीद सैनिकों के परिजनों को भी सम्मानित कर रहा है।

इसके पश्चात कार्यक्रम में आए हुए सभी सैन्य अधिकारियों व जवानों को सुभारती विश्वविद्यालय की परंपरा के अनुसार पादप भेंट कर के उनका स्वागत किया गया। इसके बाद कारगिल युद्ध में अद्भुत पराक्रम व शौर्य का परिचय देने वाले व सैन्य अलंकरणों से सम्मानित विभिन्न पूर्व व वर्तमान सैन्य अधिकारियों ने कारगिल युद्ध के दौरान प्राप्त अपने अनुभवों को साझा किया। इनमें परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर संजय कुमार, सूबेदार मेजर(मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव, ब्रिगे. उमेश बावा वीरता चक्र, ब्रिगे. ओपी यादव, सूबेदार मेजर(मानद कैप्टन) शत्रुघन सिंह वीरता चक्र आदि प्रमुख रहे। 

इस दौरान मेजर जनरल आलोक बेरी, कुलाधिपति डॉ. स्तुति नारायण कक्कड़, संस्थापक डॉ. अतुल कृष्ण, कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के. थपलियाल, डॉ. अतुल कृष्णा,  मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.शल्या राज,निदेशक लोकप्रिय अस्पताल व मार्स रिसॉर्ट डॉ. रोहित रविंद्र, कार्यक्रम के मुख्य संयोजक व सुभारती डिफेन्स एकेडमी के निदेशक कर्नल राजेश त्यागी, अमित जोशी व अवनी कमल  के  द्वारा कारगिल युद्ध में शहीद हुए अमर बलिदानी शहीद यशवीर सिंह, शहीद जुबैर अहमद, शहीद सतपाल सिंह, शहीद योगेन्द्र सिंह, शहीद मनोज तलवार, शहीद सतीश कुमार के परिजनों को पगड़ी पहनाकर व स्मृति चिहृ प्रदान करके सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त सुभारती समूह के द्वारा इन शहीदों के परिजनों को एक गोल्डन कार्ड दिया गया जिससे वे सुभारती समुह के द्वारा संचालित किसी भी सेवा का निःशुल्क लाभ ले सकते हैं।

मुख्य अतिथि मेजर जनरल आलोक बेरी ने कहा किमैं देश के विभिन्न कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में गया हूं किंतु सुभारती  जैसा वातावरण जो कि देशसेवा व राष्ट्रीयता को पोषित करता है कहीं नहीं देखने को मिला है। सुभारती विश्वविद्यालय की जो राष्ट्रीयता की भावना को युवाओं में बढ़ावा देने की विचारधारा है वह हम सैनिकों के मन में यह हौसला देती है कि देश की युवा पीढ़ी को सही मार्ग पर ले जाने का कार्य इस विश्वविद्यालय में हो रहा है। यह प्रशंसनीय है। इस आयोजन के लिए भी उन्होंने विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ. अतुल कृष्ण व पूरी आयोजन समिति को बधाई देते हुए कहा कि आपका यह प्रयास यह दिखाता है कि आज भी देश में सैनिकों का सम्मान करने वाले लोग मौजूद हैं और आने वाली पीढ़ियों को भी यह सिखाया जा रहा है।

 सुभारती विश्वविद्यालय की कुलाधिपति पूर्व आई.ए.एस. डॉ. स्तुति नारायण कक्कड़ ने अपने उद्बोधन में कहा कि कारगिल शहीद स्मृति उपवन के द्वारा भारत माता के वीर सपूतों की याद हमेशा के लिये स्वर्णिम बन गई हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हमारे सैनिक देश की सरहदों पर हमारी रक्षा करते है इसी प्रकार हम सभी देशवासी अपने कर्तव्य को निभाते हुए देश की उन्नति में अपना योगदान दें।

सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ.अतुल कृष्ण ने अपने संबोधन में कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय सदा ही देश के वीर सैनिकों का सम्मान करता आया है, इसका प्रमाण विश्वविद्यालय में वर्ष 2021 में स्थापित ‘‘कारगिल शहीद स्मृति उपवन” है जिसमें कारगिल युद्ध में अपनी वीरता का पराक्रम दिखाकर शहीद हुए जांबाज़ जवानों की शहादत की याद को अमर बनाते हुए उनके नाम से वृक्षो कों लगाया गया है। उन्होंने बताया कि शहीद स्मृति उपवन देश का पहला ऐसा उपवन है जिसमें शहीदों के नाम के पेड़ लगाएं गये हैं। इससे एक ओर हमारे पर्यावरण का संरक्षण होगा तो वहीं कारगिल युद्ध के शहीद वीर जवानों की याद हमेशा के लिये अमर होगी। उन्होंने कार्यक्रम में भारतीय थल सेना, वायुसेना एवं नौसेना के अधिकारियों एवं समस्त अतिथिगणों का अभिनंदन करते हुए कहा कि युद्ध कोई नहीं चाहता है किन्तु आज की परिस्थितियां ऐसी हैं कि विश्व में सभी देशों को युद्ध के लिए सदैव तैयार रहना पड़ता है। ऐसे में युद्ध से बचने का केवल एक ही तरीका है कि हम स्वयं शक्ति संपन्न हों।

इस दौरान सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ. अतुल कृष्णा की आत्मकथा “जीवन तरंगिणी” के प्रथम भाग का लोकार्पण भी किया गया। इस पुस्तक के बारे में बताते हुए डॉ. अतुल कृष्ण ने कहा कि यह पुस्तक पांच खंडों में प्रकाशित होगी। वर्तमान खंड मेरे जन्म से लेकर वर्ष 1980 तक का है, इसके अतिरिक्त इस पुस्तक को शहीदों को समर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि इस पुस्तक की बिक्री से प्राप्त समस्त धनराशि को शहीद उपवन कल्ब को दे दिया जाएगा। जिससे कि यह देश के शहीदों के लिए अपने कार्यों को आगे विस्तार दे सके। 

इस दौरान सुभारती फाइन आर्ट कॉलेज के विद्यार्थियों ने बहुत ही सुंदर व मनमोहक सांस्कृतिक प्रसत्तियां दीं। मंच का संचालन डॉ. सीमा शर्मा व डॉ. निशा सिंह ने किया।कार्यक्रम के अंत में लोकप्रिय हॉस्पिटल व मार्स रिसॉर्ट के निदेशक डॉ. रोहित रविंद्र ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से हमें यही सीख मिलती है कि हमें भी अपने देश के लिए सैनिकों की तरह ही देश सेवा करनी चाहिए।

इस अवसर पर यशपाल सिंह, कुलसचिव ग्रुप कैप्टन(रिट.) एम याकूब, , प्रतिकुलपति डॉ. हिमान्शु एरन, डॉ. निखिल श्रीवास्तव, डॉ.आर के घई, डा.वैभव गोयल भारतीय, डा.महावीर सिंह, डा.अभय शंकरगौड़ा, डा.पिन्टू मिश्रा, डा.भावना ग्रोवर,डा.मनोज कपिल, डॉ.एस.सी. थलेड़ी,डॉ. रेणु मावी,डॉ. देशराज सिंह,  डा.शिव मोहन, डा.मुकेश रुहेला, कुलानशासक डॉ.शशिराज तेवतिया, डा.संदीप चौधरी, असिस्टेंट डायरेक्टर पीपीडी ई.आकाश भटनागर, विवेक तिवारी, समीर सिंह, राजकुमार सागर सहित आयोजन समिति के सभी सदस्य व विश्वविद्यालय के सभी संकायों के शिक्षक व गैर शिक्षनेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर एनएसएस व एनसीसी के स्वयंसेवकों व कैडेटस की भी भागिदारी रही।

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