जन्म प्रमाण पत्र ठीक कराने आये फौजी की पिटाई पर निगम में अधिकारियों पर बरसे राज्य सभा सांसद
अधिकारी से बोले डा. लक्ष्मी कांत वाजपेयी लिखकर दो काम मेरे बस में नहीं , दूसरा अधिकारी बुलाएंगे
कहा भ्रष्ट्राचार में लिप्त किसी अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक को नहीं छाेडूंगा
आज साथ लेकर जाऊंगा या थाने में जाऊंगा या थाने वो जाएंगे
मेरठ। जन्म प्रमाण पत्र ठीक कराने के लिए आए फौजी की पिटाई से भड़के राज्यसभा सांसद डा. लक्ष्मी कांत वाजपेयी शनिवार को अचानक नगर निगम के कार्यालय में जा पहुंचे। राज्यसभा सांसद के पहुंचने पर वहां हड़कंप मच गया। डा. लक्ष्मी कांत वाजपेयी ने जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने में चल रहे खेल को लेकर लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने काफी नाराजगी जताई। अफसरों से उन्होंने कहा कि आज साथ लेकर जाऊंगा या थाने में जाऊंगा या थाने वो जाएंगे, कहा आज मैं बिल्कुल भी छोड़ने के मूड में नहीं हूं किसी को भी।
डॉ. वाजपेयी ने कहा कि मेरे सामने एक व्यक्ति ने कहा कि वो पिछले 6 महीने से जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए भटक रहा है। निगम दफ्तर में छह महीने से उसका आवेदन पेंडिंग में हैं। जब मैंने अफसरों से इसका जिक्र किया तो तुरंत 2 मिनट में उसका सर्टिफिकेट का प्रिंट निकालकर दे दिया। अगर मैं नहीं कहता तो उसे ये लोग और टरकाते रहते या उससे कागज बनाने का पैसा वसूलते। मैं हर आदमी की सिफारिश नहीं कर सकता। इसका मतलब तुम लोग उससे पैसा वसूलोगे।कहा कि अनीस नामक कर्मचारी को एक कागज दिया है, उसे कागज दिए 20 मिनट हो गए। लेकिन अब तक उसने कागज की हिस्ट्री नहीं चैक की है, कंप्यूटर में देखकर आधार कार्ड नंबर फीड करके डॉक्यूमेंट की डिटेल निकालना है लेकिन उसको भी देखने में कर्मचारी आनाकानी कर रहे हैं। इस दौरान राज्यसभा सांसद डा़ वाजपेयी की अपर नगरायुक्त से उनकी बहस भी हुई। अफसर को डांटते हुए अपर नगरायुक्त से कहा कि आप मुझे लिखकर दो कि ये मेरा काम नहीं है मेरे बस का काम नहीं है मैं लेकर जाऊंगा। कोई दूसरे अधिकारी से काम कराएगी। आप सीएमओ कार्यालय में बैठा। काफी देर तक मौके पर बहस होती रही।
लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि कई साल बाद मजबूर होकर आज मुझे नगर निगम के दफ्तर में आना पड़ा है। एक फौजी का काम भी नगर निगम के अफसर, कर्मचारी नहीं कर रहे। फौजी जो देश की सीमा कर रहा है उसका काम करने में भी तुम्हें जोर पड़ता है। उससे भी भ्रष्टाचार करना है। कहा कि ये योगी, मोदी की सरकार है यहां ये भ्रष्टाचार नहीं चलेगा। अब तक फाइल दौड़ रही है उन कर्मचारियों की पहचान होने के बाद भी उन पर एक्शन नहीं हुआ। जन्म मृत्यु पंजीयन का भ्रष्टाचार चरम पर है। यहां एक डॉक्टर हैं गजेंद्र जो कहते हैं ये मेरा काम नहीं है।तो वो इस्तीफा दें और दूसरी सर्विस में जाएं। कहा अगर काम नहीं कर सकते तो सीएमओ में जाएं वहां काम करें, यहां जबरन काम लिया जा रहा है उनसे तो काम छोड़ें। यहां जो आएगा वो काम करेगा।लेकिन ये कोई तर्क नहीं कि यहां जब तक रजिस्ट्रार का चार्ज रहेगा तो बेईमानी होती रहेगी। कहा नगर निगम के अफसरों को पैसे दो, इसी पैसे से इनके कुत्ते यहां सो रहे हैं, इनके लड़के दून स्कूल में पढ़ रहे हैं, ये नहीं सुधरेंगे। डा.वाजपेयी ने साफ शब्दों में कहा कि किसी भी हाल में आम जनता से उत्पीड़न सहेंगे नहीं, हम इनकी नौकरी करना हराम कर देंगे।मैंने कह दिया कि मुझे पटल परिवर्तन चाहिए किसी नेता के दबाव में पटल न बदला जाए ये भी बताएं। नगर निगम के हर विभाग, हर पटल पर ये खेल चल रहा है। दाल में नमक बराबर काली कमाई खाएं ये नहीं कि भ्रष्टाचार पर जनता की कमाई खा जाएं। अगर चार दिन में फौजी को पीटने वाले आरोपियों पर एक्शन नहीं हुआ तो जो अफसर एक्शन नहीं ले रहे हैं उन पर कार्यवाही हो जाएगी।
निगम की लापरवाही के कारण 28 मीटर के कारण काम रूका पड़ा
उन्होंने कहा छतरी पीर से घंटाघर तक कुल 28 मीटर सड़क बन रही है लेकिन नगर निगम की लापरवाही के कारण सड़क नहीं बन पा रही। राम रहीम फूल वाले दुकान के सामने से फिल्मितान को जा रहे नाले के टुकडे को जोड़ना है। लेकिन काम को रोका गया है। इसके कारण वहां पर रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हाेंने कहा चीफ इंजीनियर को साफ कहा सोमवार पर इस जवाब चाहिए वरना वह अपने स्तर से इस कार्रवाई करेंगे। किसी भी हालत में 24 करोड़ रुपया बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा।
ये था मामला
बता दें कि दो दिन पहले नगर निगम में एक फौजी अपनी बेटी के जन्म प्रमाणपत्र में कुछ करेक्शन कराने आया था। लेकिन निगम के कर्मचारियों ने उसका काम करने के बजाय उसे गिरा गिराकर पीटा। इसका वीडियो भी सामने आया था। फौजी ने पूरे मामले की शिकायत की थी। लेकिन अभी इस कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
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