लब पर हुसैन, आंखों में आसूं के साथ अंगारों पर मातम 

 हजरत इमाम हुसैन के चेहल्लुम पर शहर में निकले बड़े जुलूस 

 मेरठ। हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों का चेहल्लुम गमगीन माहोैल में मनाया गया। शहर के अलावा जैदी फार्म और लोहियानगर के इमामबारगाहों और अज़ाखानों में मजलिसे हुईं और जुलूस निकाले गये।
हुसैनाबाद स्थित इमामबारगाह डा. सैयद इकबाल हुसैन में सुप्रसिद्व आलिम मौलाना शेर अली जैदी ने मजलिस को खिताब करते हुए कहा कि आज बदअमनी और बेचैनी के माहौल में हजरत इमाम हुसैन के उसूलों को अपना कर ही दुनिया में अमन कायम किया जा सकता है। इससे  पूर्व सैयद शाह अब्बास सफवी ने  सोजख्वानी की। कौसर रज़ा ने सलामे अकीदत पेश किया।
इससे पूर्व अनवार हुसैन (मरहूम) व अफजाल हुसैन (मरहूम) के अज़ाखाने में मजलिसें हुईं। इसके अलावा मनसबिया घटांघर में आयोजित मजलिस के बाद जुलजनाह की जियारत बरामद हुई। जुलूस-ए-ताजिया इमाम बारगाह करीम बख्श जाटव गेट से प्रातः 9 बजे बरामद हुआ।  चैड़ा कुआ लाला का बाजार स्थित छोटी करबला से मजलिस के बाद बड़ा जुलूस-ए-ताजिया , जुलजनाह और अलम-ए-मुबारक हसन मुर्तजा के नेतृत्व में बरामद हुआ। जुलूस में अंजुमन इमामिया के वाजिद अली गप्पू, चाँद मिया और रविश, तन्जीम-ए-अब्बास के सफदर अली, काशिफ, जिया जैदी, दारेन जैदी, अजुमन दस्त ए हुसैनी के हुमायूं अब्बास ताबिश और हिलाल आब्दी ने नोहेख्वानी करके करबला के शहीदों को खिराजे अकीदत पेश किया।  जुलूस में मौहर्रम कमेटी के संयोजक सैयद शाह अब्बास सफवी, पूर्व डिप्टी कमिश्नर दिल्ली पुलिस कमर अहमद जैदी, डा. सरदार हुसैन, अली हैदर रिजवी, तालिब जैदी, हाजी शमशाद अली जैदी, महमूद एडवोकेट, शकील जैदी, अतीक-उल-हसनैन और रईस जैदी आदि सहित बड़ी संख्या में हुसैनी सोगवार शामिल हुए।  जुलूस कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच घण्टाघर, रेलवे रोड और ईदागाह चैराहे से होता हुआ हाजी साहब कब्रिस्तान पहुंचा, जहां ताजिये और तबरूकात दफन किये गये। इसी क्रम में कर्बला मनसबिया पहुंचकर अन्जुमनों ने अलविदा या हुसैन की सदाओं के बीच नौहे पढ़े। इसके बाद कर्बला मनसबिया में मजलिस हुई। रात  में अंजुमन ताहफ्फुज-ए-अजादारी की ओर से मनसबिया शौक हाॅस्टिल में अंजुमन इमामिया ने आग पर मातम किया।
उधर जैदी फार्म में दूसरा बड़ा मातमी जुलूस इमाम बारगाह दरबारे हुसैनी से मजलिस के बाद शुरू हुआ। इस अवसर पर बनी हाशिम के 18 शबीह-ए-ताबूत मंजरकशी के दौरान बरामद हुये।  इसके बाद ताजिये और जुलजनाह, 72 अलम-ए-मुबारक के साथ जुलूस बरामद होकर इमली वाली मस्जिद रोड, अब्बास पैलेस, इमामबारगाह इश्तियाक हुसैन, शाहजलाल हाॅल और नई कोठी से होता हुआ इमामबारगाह पंजेतनी पहुंचा और यहां से कर्बला (जै़दी नगर सोसायटी) पहुंचकर सम्पन्न हुआ।  यहां भी ताजिये व तबरूकात दफन किये गये। इस दौरान हुसैनी मातमदारों और नौहेख्वानों ने नौहे पढ़कर माहोल को गमगीन बना दिया। इस मौके पर जावेद रजा, अर्शी नकवी और अयाज हुसैन ने नोहे पढ़े। मौहर्रम कमेटी के मीडिया प्रभारी अली हैदर रिज़वी ने बताया कि हजरत इमाम हुसैन और शोहदाये कर्बला के गम का सिलसिला 8 रबि-उल-अव्वल यानि 12 सितम्बर तक जारी रहेगा।

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