ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में तैनात जेई 40 हजार रिश्वत लेते  गिरफ्तार 

पेमेंट रिलीज करने के नाम से ठेकेदार से मांग रहा रूपये , एटी करप्शन टीम ने दबोचा 

मेरठ। भ्रष्टचार सरकारी विभागों से समाप्त होने का नहीं ले रहा है। मंगलवार को एंटी करप्शन की टीम ने कचहरी  स्थित अंबेडकर पार्क पर ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में जेई के पद तैनात जूनियर इंजीनियर को रंगें हाथों 40 हजार रूपये की रिश्वत लेते  हुए गिरफ्तार किया है। जूनियर इंजीनियर टीम तत्काल सिविल थाने में ले गयी। जहां के उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। वही  जेई के पकड़े जाने के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। 

दरअसल शिकायतकर्ता पुनीत जिंदल आरईएस पीआईओ मेरठ में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत ठेकेदारी करते हैं। पुनीत ने एंटी करप्शन की टीम से जेई के खिलाफ शिकायत की थी। पुनीत ने बताया कि उन्होंने  सड़क बनाई थी। इस समय सड़क की देखरेख का समय चल रहा था। इस प्रोजेक्ट में उनका  अंतिम छमाही का लगभग 5 लाख 44 हजार रुपए बकाया था। इस पेमेंट को रिलीज कराने के नाम पर जेई धीरज कुमार  40 हजार रुपए मांगे कर रहा था । पुनीत ने बताया कि अवर अभियंता धीरज ने पहले फोन पर पैसे मांगे, बाद में व्हाट्सएप भी किया। इसके बाद मैंने 13 जुलाई को एंटी करप्शन की टीम को शिकायत कर दी। मंगलवार को कचहरी गेट के सामने बाबा साहब आंबेडकर की मूर्ति के पास पैसे देने के लिए बुलाया था। एंटी करप्शन की टीम ने अपना पूरा जाल फैला दिया। जैसे ही अंबेककर की मूर्ति के पास जेई धीरज कुमार पहुंचो। जैसे ही उसने पुनित से केमिकल लगे रूपये तभी टीम ने जेई वहीं दबोच लिया। अचानक रिश्वते लेते पकड़े जाने से जेई पसीने पसीने हो गया। एंटीकरप्शन टीम ने मौके पर ही जेई के हाथ छूलवाए इसके साथ दो सरकारी गवाहों के हस्ताक्षर भी करवाएं। जेई को पकड़ कर सिविल लाइन थाने में ले जाया गया। जहां उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। 

पुनीत नेआरोप लगाया कि विभाग में  अधिशासी अभियंता वाई एन चौधरी है वो काफी भ्रष्ट है। वो पहले गौतमबुद्ध नगर में भी भ्रष्टाचार मामले में फंस चुके हैं। उस पर विजिलेंस जांच भी चल रही है। कुछ दिन पहले ही वो  गौतबुद्धनगर से मेरठ ट्रांसफर होकर आए हैं। कहा कि गौतमबुद्धनगर में भ्रष्टाचार में हटने के बाद अब वाई एन चौधरी ने मेरठ में दोबारा भ्रष्टाचार शुरू कर दिया।


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