विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी का निधन

 पीएम मोदी व सीएम योगी  ने दी श्रद्धांजलि

 बनारस,एजेंसी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी का बुधवार की शाम को निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार थे. कुलपति जी ने सेंट्रल हिंदू स्कूल से स्कूली शिक्षा के बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय से बीकॉम और एमकॉम की डिग्री ली थी। बीते कई महीनों से डॉक्टर तिवारी न्यूरो की समस्याओं से ग्रसित थे। अचानक उनकी तबीयत गड़बड़ हुई और लोग उन्हें अस्पताल ले गए लेकिन डॉक्टर तिवारी का निधन हो गया।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी लंबे समय से बीमार थे। रवींद्रपुरी के एक निजी अस्पताल में उन्होंने इलाज के दौरान अपनी अंतिम सांस ली। 75 साल के कुलपति तिवारी, न्यूरो की बीमारी से जूझ रहे थे. उधर, उनके शव को अस्पताल से टेढ़ी नीम के उनके निजी आवास पर ले जाया गया। 1993 में पिता कैलाशपति तिवारी के निधन के बाद से ही वो काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत बनाए गए थे। तभी से विश्वनाथ मंदिर की परंपराओं का वो निर्वहन कर रहे थे।

कुलपति जी ने सेंट्रल हिंदू स्कूल से स्कूली शिक्षा के बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय से बीकॉम और एमकॉम की डिग्री ली थी। एमकॉम की शिक्षा के बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की संरचना और प्रकार विषय पर उन्होंने पीएचडी की थी। जानकारी के मुताबिक, उनका अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा। उनको जानने वाले बताते हैं की डॉक्टर कुलपति बेहद मृदुभाषी और सामाजिक व्यक्ति थे। काशी और काशी के बाहर कई सांस्कृतिक और सामाजिक संगठनों के अध्यक्ष, संरक्षक और मार्गदर्शक भी रहे।

1954 में वाराणसी में हुआ था जन्म

विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉक्टर कुलपति तिवारी का जन्म 10 जनवरी 1954 को हुआ था। एक ओजस्वी वक्ता होने के कारण श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की तमाम नीतियों और व्यवस्थाओं पर यह महंत परिवार के अग्रणी रहे। 1983 में काशी विश्वनाथ मंदिर के अधिग्रहण के बाद सरकार और सरकारी नीतियों का उन्होंने जमकर विरोध किया। इसी कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉक्टर तिवारी मंदिर के अधिग्रहण के बाद भी समान अंकुश महोत्सव समेत सभी उत्सवों पर बहुत ही बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते थे। 




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