के एमसी में निशुल्क हार्ट शिविर का आयोजन 

 शिविर में 56 मरीजों की जांच की गयी

 मेरठ। रविवार को बागपत रोड़ स्थित के एमसी हॉस्पिटल में निशुल्क हार्ट शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 56 मरीजों की जांच की गयी। 

निशुल्क शिविर सुबह दस बजे से चार बजे तक चला। इस दौरान हार्ट रोग विशेषज्ञ डा तनय गर्ग ने 56 मरीजों की जांच पड़ताल की। कैंप में एक बच्चे में जांच के लिए आए जिन्हे जन्म से दिल की बीमारी थी। शिविर में कैम्प में 56 मरीजों को पंजीकृत कर उनका निःशुल्क चैकअप किया गया। सभी मरीजों की फ्री ई. सी. जी. व शुगर की जांच की गई और ईको व टी.एम.टी 50ः छूट के साथ की गई। इस कैंप में आने वाले सभी मरीज मेरठ व आस-पास के क्षेत्रों से आये थे। 

डा॰ तनय गर्ग ने कैम्प में आये सभी हृदय रोगियों को हृदय रोग के लक्षणों व उपचार के विषय में विस्तार से बताया  हृदय रोग तेजी के साथ पूरे विश्व में फैल रहा है। विश्व भर में सबसे ज्यादा दिल के रोगी हिंदुस्तान में है। पश्चिमी देशों की अपेक्षा भारत में हार्ट अटैक के मरीजों की औसत उम्र 50 वर्ष है। जबकि यह पश्चिमी देशों में 60 वर्ष है। यानी हृदय रोग भारतीयों में 10 वर्ष पूर्व ही आ जाता है। जवान लोगों और औरतों में भी हृदय रोग बढ़ रहा है। आजकल मात्र 30 वर्ष की आयु के लोगों में भी हार्ट अटैक हो जाता है। इसका मुख्य कारण स्मोकिंग, खाने-पीने में अधिक चिकनाई, फास्ट फूड और व्यायाम ना करना आदि है। हार्ट अटैक के बाद पहला घण्टा सबसे निर्णायक होता है। क्योंकि 50ः मौतें इसी पहले घंटे में ही हो जाती है। यदि पहले ही घंटे में सही उपचार मिल जाये तो दिल को क्षतिग्रस्त होने से पूर्णतया रोका जा सकता है। हार्ट अटैक के लक्षणों को जानना बहुत जरुरी है। आम धारणा यह है कि हार्ट अटैक का दर्द बाईं तरफ होता है लेकिन वास्तविकता में दर्द छाती के बीचों बीच होता है। यह भारीपन, छाती के बीच में घुटन, चलने पर सांस फूलना, वजन, जलन जैसा हो सकता है। साथ ही मरीज को बहुत पसीना आता है। यह दर्द दोनों या एक बाजू में, गले में या जबड़े में भी जा सकता है। 

हृदय रोग के मुख्य लक्षण: 

चलने पर सांस फूलना, तेज चलने पर छाती में दर्द या भारीपन का आना, जोकि आराम करने पर  गोली लेने पर स्वतः ठीक हो जाता है। डायबिटीज के मरीजों में अक्सर तेज चलने पर दर्द नहीं होता एवं मरीजों में साँस फूलना ही एंजाइना का लक्षण है। कई बार शुगर के मरीजों में और वृद्ध लोगों में हार्ट अटैक के समय पर भी छाती में दर्द नहीं होता केवल साँस ही फूलती है। 

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