लोकतंत्र के ऊपर मंडरा रहा खतरा - प्रदेश महासचिव
बोले सुमित विकल यह कांग्रेस पार्टी के खातों पर मोदी सरकार का हमला नहीं बल्कि लोकतंत्र पर हमला
मेरठ। कांग्रेस जिला अध्यक्ष अवनीश काजला,शहर अध्यक्ष जाहिद अंसारी, प्रवक्ता हरिकिशन अंबेडकर, उपाध्यक्ष सलीम खान,युवक कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सुमित विकल ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि, लोकतंत्र के ऊपर खतरा मंडरा रहा है किस प्रकार से कांग्रेस पार्टी के बैंक खाते के ऊपर हमला हुआ है यह कोशिश की जा रही है कि फाइनेंशली कांग्रेस पार्टी को पंगु बना दिया जाए। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि केवल कांग्रेस पार्टी के खातों पर मोदी सरकार का हमला नहीं, बल्कि भारत के लोकतंत्र पर हमला है। अगर प्रमुख राजनीतिक पार्टी पूरी तरीके से आर्थिक रूप से पंगु हो जाए और कोई कार्य लोकसभा चुनाव में कोई कार्य नहीं कर सके।
पब्लिक सिटी के ऊपर पैसा नहीं खर्च कर सके, कैंपेन के ऊपर पैसा खर्च न कर सके, अपने कैंडिडेट को पैसा ना दे सके, तो फिर चुनाव किस बात का और यह जबकि चुनाव की घोषणा हो चुकी है पिछले एक महीने से हमारे बैंक अकाउंट में पड़े हुए 285 करोड रुपए का हम इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।
कांग्रेस जिला अध्यक्ष अवनीश काजला ने कहा कि हम लोगों को पब्लिसिटी के लिए अखबारों के अंदर स्लाइड बुक करने हैं, हम लोगों को पब्लिक सिटी के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अंदर सलाट बुक करने,हमें पोस्टर छपवाने है,हमें पंपलेट छुपाने है,अगर हम लोग वह काम नहीं कर सकते तो किस प्रकार से लोकतंत्र जिंदा रहेगा, जबकि देश की सबसे बड़ी राजनैतिक दल के खातों को चुनाव में फ्रीज कर दिया गया,यह कैसा लोकतंत्र है
बैंक अकाउंट को फ्रीज करने के लिए महात्मा गांधी जी के समय में चमन लाल बजाज जी जब कोषाध्यक्ष हुआ करते थे उसे टाइम की भी है कोई चीज निकल कर उसे वक्त चुनाव से पहले हमारे अकाउंट को फिर फ्रिज किया जाएगा, यह किस चीज का लोकतंत्र है।
30 साल पुराना 31 साल पुराना एसेसमेंट ईयर का हिसाब निकाल कर हमारे खाते फ्रीज किया जा रहे हैं ताकि हम लोग चुनाव ना लड़ पाए हम लोगों के पास में मुख्यतः तीन बातें कहने की है हर पॉलीटिकल पार्टी इनकम टैक्स में एग्जास्ट होती है कभी किसी ने भी पेनल्टी इस तरह से नहीं दी,तो कांग्रेस पार्टी को अकेले क्यों चुना जा रहा है।
दूसरा इसकी टाइमिंग देखकर 2017-18 का मोतीलाल वोरा के टाइम का और 1994- 95 का सीताराम केसरी के समय का केवल एक महीना पहले चुनाव की घोषणा से पहले यह काम शुरू किया जाता है, पत्रकार वार्ता में अमित गोयल, विनोद सोनकर, अनिल प्रेमी, अंसार अहमद उपस्थित थे।
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