गगोल में राजकीय कन्या इंटर कॉलिज की स्थापना हेतु शासन से मिली 607.62 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति
ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेन्द्र तोमर के प्रयासों से गगोल में इंटर कॉलिज की स्थापना करने हेतु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2021 में की थी घोषणा
मेरठ। परतापुर स्थित गगोल में राजकीय इंटर काॅलेज की स्थापना हेतु शासन से 607.62 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति मिल गयी है। आचार संहिता लगाने से एक दिन पूर्व 16 मार्च 2024 को शासन ने ग्राम गंगोल में राजकीय इंटर कॉलिज की स्थापना के लिये कार्यदायी संस्था कन्स्ट्रक्शन एण्ड डिजाईन सर्विसेज द्वारा उपलब्ध करायें गये रू0 607.62 लाख (छः करोड़ सात लाख बासठ हजार) के प्रारम्भिक आगणन की वित्तीय स्वीकृति प्रदान करते हुए प्रथम किश्त जारी कर दी है।
मेरठ दक्षिण विधानसभा अन्तर्गत ग्राम गगोल में राजकीय इंटर कॉलिज की मांग लम्बे समय से चलती आ रही थी। राज्यमंत्री डा सोमेन्द्र तोमर ने वर्ष 2017 में विधायक निर्वाचित होने के उपरान्त ग्राम गंगोल में राजकीय इंटर कॉलिज की स्थापना के लियें सर्वप्रथम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष मांग रखी। उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए कहा था कि ग्राम गगोल की आबादी लगभग 15 हजार से अधिक है ग्राम के आसपास कोई भी शिक्षा का केन्द्र नही है जिस कारण ग्रामीण छात्र-छात्राओं को शिक्षा ग्रहण करने के लियें ग्राम से बाहर शहर में आना जाना पड़ता है एवं उनका अधिकतर समय यात्रा में बीत जाता है जिस कारण उन्हें अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वर्ष 2021 के अन्त में राज्य मंत्री के काफी प्रयासों के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम गगोल में राजकीय इंटर कॉलिज की स्थापना हेतु घोषणा की। ग्राम गगोल में जमीन का विवाद होने के कारण उसकी कार्य प्रगति आगे नहीं बढ़ सकी। राज्यमंत्री लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर वहां पर जमीन के विवाद को समाप्त करने अथवा विवाद रहित भूमि उपलब्ध कराने का प्रयास करते रहें। वर्ष 2022 में पुनः विधायक निर्वाचित होने एवं उत्तर प्रदेश में राज्यमंत्री का दायित्व मिलने के बाद पुनः ग्राम गगोल में राजकीय इंटर कॉलिज की स्थापना के लियें प्रयास किये गये। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्थानीय निरीक्षण के साथ साथ ही बैठक होती रही। विवाद रहित भूमि की उपलब्धता कराते हुए राज्यमंत्री सोमेन्द्र तोमर एवं प्रशासनिक अधिकारियों के संयुक्त सुझाव पर शासन को पुनः प्रस्ताव प्रेषित किया गया जिसकी लगातार पैरवी सोमेन्द्र तोमर कर रहें थे।
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