तेजस्वी यादव की याचिका पर आदेश सुरक्षित
आपराधिक मानहानि मामले को ट्रांसफर करने की है मांग
नई दिल्ली (एजेंसी)।
उच्चतम न्यायालय ने अहमदाबाद की एक अदालत में लंबित आपराधिक मानहानि के मामले को राज्य के बाहर किसी दूसरी जगह स्थानांतरित करने की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव की याचिका पर सोमवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
तेजस्वी ने कथित तौर पर 'केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं' टिप्पणी की थी, जिसको लेकर वह आपराधिक मानहानि के मामले का सामना कर रहे हैं। इसी मामले को उन्होंने विशेष रूप से दिल्ली में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है। न्यायमूर्ति ए एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने तेजस्वी द्वारा दायर माफी के ताजा बयान को भी दर्ज पर लिया। पीठ ने कहा, ''हम आदेश पारित करेंगे।''
दरअसल, शीर्ष अदालत ने 29 जनवरी को यादव को अपनी कथित टिप्पणी 'केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं' को वापस लेते हुए एक 'उचित बयान' दाखिल करने का निर्देश दिया था। यादव ने 19 जनवरी को शीर्ष अदालत में एक हलफनामा दायर कर अपनी कथित 'गुजराती ठग' वाली टिप्पणी वापस ले ली थी। शीर्ष अदालत ने राजद नेता की याचिका पर सुनवाई करते हुए पूर्व में आपराधिक मानहानि शिकायत को लेकर कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और इसे दायर करने वाले, गुजरात के निवासी हरेश मेहता को नोटिस जारी किया था। मेहता एक स्थानीय कारोबारी और कार्यकर्ता हैं।
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