युवा उत्सव के तीसरे दिन दिखा सुर, लय, ताल व कला का अनूठा संगम

मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय में भारतीय विश्वविद्यालय संघ की ओर से आयोजित सेन्ट्रल ज़ोन के 37 वें अन्तर्विश्वविद्यालय युवा उत्सव के तीसरे दिन विद्यार्थियों ने अपनी सुरीली आवाज़ के जादू के साथ शास्त्रीय नृत्य, व्यंग्य नाटक, वाद-विवाद, और ललित कला प्रतियोगिताओं में अद्भुत प्रदर्शन किया। तालियों की गड़गड़ाहट की बीच विद्यार्थियों का जोश उनकी प्रतिभा को प्रदर्शित कर रहा था। विश्वविद्यालय परिसर में हर ओर उत्साह व उमंग का माहौल नज़र आया। 

देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये विद्यार्थियों ने हिंदुस्तानी और पश्चिमी शैली के गायन, भारतीय शास्त्रीय नृत्य, व्यंग्य नाटक, वाद-विवाद, एवं ललित कला की विभिन्न प्रतियोगिताओं में बेजोड़ प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

 सुभारती परफार्मिंग आर्ट विभागाध्यक्षा एवं युवा महोत्सव की संयोजक डॉ.भावना ग्रोवर ने बताया कि भारतीय शास्त्रीय शैली एवं सुगम शैली दोनों में गायन प्रतियोगिताओं का आयोजन ललित कला विभाग में स्थित पंडित बिरजू महाराज नृत्य हॉल में किया गया। इसमें हिमांशु शर्मा, सोमवीर कथूरवाल, एवं प्रोफेसर संतोष कुमार पाठक निर्णायक मंडल के सदस्य रहे। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, राजा मान सिंह तोमर संगीत और कला विश्वविद्यालय, ग्वालियर, एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, बरकतउल्लाह यूनिवर्सिटी, भोपाल, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर, एवं सुभारती विश्वविद्यालय समेत अनेकों विश्वविद्यालयों के छात्रों ने इन प्रतियोगिताओं में भाग लिया।  

उन्होंने बताया कि सत्यजीत रे प्रेक्षागृह में पाश्चात्य शैली में गायन की प्रतियोगिता आयोजित की गयी। जिसमें एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा, दयालबाग़ एजुकेशनल इंस्टिट्यूट, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, और सुभारती विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने इसमें भाग लिया। अजय चौरसिया, नीरज कचप, और सुरेश डेनियल डी इसमें निर्णायक मंडल के सदस्य रहे।  

मांगल्य प्रेक्षागृह के विशाल मंच पर व्यंग्य नाटक प्रतियोगिता में छात्र-छात्राएँ अपने कुशल व्यंग्यपूर्ण अभिनय के माध्यम से निर्णायक मंडल और दर्शकों का ध्यान समाज के प्रासंगिक मुद्दों की ओर ले गए। सुभारती लॉ कॉलेज के सरदार पटेल सभागार में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

विश्वविद्यालय के विभिन्न स्थलों पर ललित कला वर्ग की प्रतियोगिताओं ऑन द स्पॉट पेंटिंग, स्पॉट फोटोग्राफी, और इंस्टॉलेशन का आयोजन किया गया, जिनमें विद्यार्थियों ने अद्वितीय सृजनशीलता, रचनात्मक सोच, एवं युक्ति का परिचय दिया।

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