विद्या के फैशन डिजाइन कॉलेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का हुआ समापन

दूसरे दिन ‘मेटावर्स, फैशन डिजाइन और सस्टेनेबल फैशन पर पढ़े गए 50 शोध पत्र


मेरठ।
बागपत रोड स्थित विद्या नॉलेज पार्क के फैशन डिजाइन विभाग में शनिवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का समापन धूूमधाम से हुआ जिसमें लब्ध-प्रतिष्ठित वक्ताओं ने ‘मेटावर्स, फैशन डिजाइन और सस्टेनेबल फैशन’ की उपयोगिता पर पर विचार व्यक्त किए। विद्या इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी की निदेशिका डॉ.रीमा वार्ष्णेय ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के महती विषय पर आगे भी चर्चा जारी रहनी चाहिए। राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन ऑन लाईन मोड में लगभग 50 शोध पत्र पढ़े गये।  

विद्या नॉलेज पार्क के फैशन डिजाइन विभाग में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन विद्या इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी की निदेशिका डॉ.रीमा वार्ष्णेय ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने सफल आयोजन के लिए संस्थान के चेयरमैन प्रदीप कुमार जैन एवं प्रबंध निदेशक विशाल जैन को धन्यवाद दिया। 

दूसरे दिन ऑन लाइन मोड में राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस शुरू हुआ। रिसोर्स पर्सन पर्ल एकेडेमी, नई दिल्ली की प्रोफेसर बेला गुप्ता एवं प्रशांत मुथ्स्वामी ने मेटासर्व और फैशन डिजाइन पर विस्तार से विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में फैशन की दुनिया में तेजी से बदलाव होंगे। उसके लिए हमें तैयार रहना चाहिए। टेक्निकल सेशन दो की अध्यक्षता प्रो.बेला गुप्ता ने तथा संयोजन राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस की संयोजिका डॉ.रीमा वार्ष्णेय ने किया। इसके बाद रिसोर्स पर्सन लीड-मैकेन्डाइजिंग एंड ऑपरेशन के सौरभ कालरा ने ‘मेटावर्स, फैशन डिजाइन और सस्टेनेबल फैशन’ पर वक्तव्य दिया। अंतिम तकनीकी सत्र से पहले टेक्सटाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया दिल्ली यूनिट के विकास छांचरा ने विचार व्यक्त किये। तीसरे और अंतिम सत्र की अध्यक्षता सौरभ कालरा ने तथा संयोजन कॉन्फ्रेंस की संयोजिका डॉ.रीमा वार्ष्णेय ने किया। समापन समारोह में सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न प्रदान किया तथा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र दिये गए। इस मौके पर  विद्या नॉलेज पार्क के चेयरमैन प्रदीप कुमार जैन, प्रबंध निदेशक विशाल जैन के साथ वीकेपी रजिस्ट्रार विजय कुमार दुबे, विद्या स्कूल ऑॅफ बिजनेस की निदेशिका डॉ. वसुधा शर्मा, विद्या इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक डॉ.राजीव कुमार चेची के साथ विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, फैकल्टी एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में सह संयोजिका निमिषा राणा, असिस्टेंट प्रोफेसर सूरज देव प्रसाद, डॉ. श्रुति सालवान, शिल्पी यादव, श्यामली पांडे, नेहा, तनिषा आहूजा, मितिका गुप्ता, चंद्रशेखर आर्य एवं अविनाश कुमार का योगदान रहा।  

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