जैन मुनि ज्ञानानंद महाराज ने पर्युषण पर्व का महत्त्व बताया
मेरठः शांतिनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर असौड़ा हाउस पर्युषण पर्व का पहला दिन उत्तम क्षमा धर्म दिवस पर जैन मुनि ज्ञानानंद महाराज ने पर्व का महत्व बताते हुए सबको क्षमा का संदेश दिया।
मंगलवार को दिगंबर समाज के दश लक्षण पर्व का शुभारंभ हुआ। जैन मुनि ज्ञानानंद महाराज ने यशोदा हाउस जैन मंदिर में विधि विधान के साथ मंगलाष्टकए अभिषेक क्रिया और शांतिधारा कराई। पर्व पूजन तत्वार्थ सूत्र वाचन हुआ जिसमें इंद्र बनने और स्वर्ण झाड़ी से अभिषेक शांतिधारा करने का सौभाग्य पंकज जैन शशि जैन को मिला। जैन मुनि ज्ञानानंद महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा कि विश्व में क्षमा से बढ़कर अन्य कुछ नहीं है। क्षमा और उदारता वहीं सच्ची है जहां स्वार्थ का भी वास न हो क्षमा से व्यक्ति फूल सा हल्का हो जाता है। इसका विपरीत तत्व है क्रोध क्रोध की दोहरी तलवार मान के स्थान में रहती हैं। क्षमा उनसे मांगे जिनसे हमारी बनती नहीं है। क्षमा न करने से व्यक्ति तनाव ग्रस्त रहता है। क्षमा वंदनीय है क्षमा जिंदगी क्षमा साधना क्षमा प्रार्थना आदि है। भारत एक ऐसा देश है जिसने हमेशा दुश्मन की भूल को भी क्षमा किया है। यह पहला देश है जहां युद्ध हमेशा मजबूरी में लड़ा जाता है शौक से नहीं। क्रोध से मनुष्य की अन्त सावी ग्रंथियों से विषाक्त द्रव्यों का स्राव होने लगता है जो पूरे शरीर में फैलने लगता है। क्रोध से अनेक बीमारियां होती है। इस अवसर पर भाजपा महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन ऋतुराज जैन मुनि से आशीर्वाद लिया। शाम को मंदिर में भक्ति आनंद यात्रा सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। सुभाष जैन रमेश जैन नवीन जैन राजीव जैन राकेश जैन आदि मौजूद रहे।
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