जड़ी बूटी की आड में पंसारी की दुकान में बेचे जा रहे थे वन्य जीवों की अवशेष 

 छापा मारने गये अधिकारियों की भी देख कर रह गये दंग , दुकानदार पर कार्रवाई की तैयारी 

मेरठ। थाना कोतवाली क्षेत्र के सहगासा बाजार में पंसारी की दुकान पर जड़ी बूटी की आड में वन्य जीवों की अवशेष को बेचा जा रहा था। इसका खुलासा उस समय हुआ जब देर रात को वन विभाग की टीम ने पंसारी की दुकान पर पुख्ता सूचना के आधार पर छापा मारा तो जो माल पंसारी दुकान से बरामद हुआ उसे देखकर अधिकारी भी दंग रहे गये। टीम ने माल को बरामद कर अपने कब्जे में ले लिया है। वही छापा लगते ही व्यापारियाें के साथ विरोध करते हुए अभ्रद व्यवहार किया। व्यापारी बाबू राम, विकास, सागर हलवाई, प्रवीण पान वाले व सभी जड़ी बूटी दुकानदारों ने टीम का विरोध कर बाजार बंद कर दिया। 

टीम को शिकायत मिली थी कि यहां दुकानों पर वन्य जीव के अंग व उनका इस्तेमाल कर बनाई गई देशी जड़ी बूटी बेची जा रही है। विभाग की एसडीओ अंशु चावला के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ओर कोतवाली पुलिस बाजार में पहुंची। यहां टीम ने बाजार में स्थित पीयूष की पालो जी, पासी अख्तार देशी जड़ी बूटी की दुकान, जोली पंसारी, पासी पालो आदि दवाइयों की दुकान पर जांच की। पालो जी और पासी अख्तार इन दो दुकानों से कई प्रकार के अवशेष बरामद किए, इनमें शेह के सींग, कई जीवों की हड्डियां, समुद्र के पानी में पाए जाने वाले कई जीवों के अंग, बाहर से लाई जाने वाली छिपकली की प्रजाति के अवशेष, कोरल जीव के अंग मिले। दुकानदार पीयूष ने कहा जो सामान टीम ने यहां से लिया है वह खुलेआम बेचा जा रहा है, यह गैरकानूनी नहीं है।

संयुक्त व्यापार संघ मंत्री अंकुर गोयल, पार्षद संदीप रेवड़ी आदि भी पहुंचे और उनकी वन विभाग के अधिकारियों से बहस हुई। उन्होंने कहा कि वन विभाग की ओर से व्यापारियों से बिल मांगे गए, पुलिस ने भी गलत व्यवहार किया। इसे लेकर व्यापारी कोतवाली थाने पहुंचे और पुलिस अधिकारियों से वार्ता की। व्यापारियों के हंगामे के बाद वन विभाग की टीम लौट गई।

व्यापारियों की ओर से मामले की सूचना भाजपा नेता कमलदत्त शर्मा और संयुक्त व्यापार संघ अध्यक्ष अजय गुप्ता को दी गई, जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों से फोन पर वार्ता कर मामले को शांत कराया। अंकुर गोयल ने कहा कि इस प्रकार से व्यापारियों का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा।

एसडीओ अंशु चावला ने कहा आलाधिकारियों को दुकानों पर शेड्यूल वन के वन्य जीव के पार्ट्स बेचे जाने की शिकायत मिली थी। इसके बाद टीम को साथ लेकर जांच की गई। दो दुकानों से वन्य जीव के अवशेष बरामद किए हैं।

जांच के लिए देहरादून जाएंगे अवशेष

डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि सूचना के बाद बाजार में छापा मारा। कई वन्य जीवों के अवशेष बरामद किए गए हैं। इन्हें जांच के लिए देहरादून वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भेजा जाएगा। यदि जांच में प्रतिबंधित वन्य जीव के अवशेष की पुष्टि हुई तो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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