मेरठ एसटीएफ ने एक लाख की जाली करेंसी के साथ शामली से एक को किया गिरफ्तार
मेरठ। मेरठ एसटीएफ ने नकली इंडियन करेंसी को असली मुद्रा में बदलने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। एसटीएफ टीम ने शामली से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। जिसके पास से टीम को काफी संख्या में नकली भारतीय मुद्रा बरामद हुई है। आरोपी पर शामली में गंभीर धाराओं में मुकदमे भी दर्ज हैं।
एसटीएफ को लगातार कुछ समय से फेक इंडियन करेंसी को असली करेंसी में बदलने वाले गिरोह के सक्रिय होने का इनपुट मिल रहा था। एसटीएफ इस इनपुट पर काम कर रही थी। इसी के तहत बुधवार को शामली में इमरान पुत्र महबूब की सूचना मिली। छापेमारी के दौरान टीम को इमरान के पास से 6,08,300 रुपये की भारतीय नकली करेंसी मिली है। इसमें 100 और 50 रुपए के जाली नोट हैं। जिन्हें इमरान ठिकाने लगाने जा रहा था।
एसटीएफ मेरठ के एएसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि सूचनाओं के आधार पर मेरठ एसटीएफ टीम शामली गई। वहां लोकल पुलिस के साथ एसटीएफ टीम ने मुखबिर की सूचना पर छापा मारा। तो इमरान इलाके में घूमता हुआ मिला। मुखबिर की सूचना के अनुसार इमरान को मौके से गिरफतार किया गया।उसके दो मंजिला मकान में नकली इंडियन करेंसी भी मिली है। पूछताछ में इमरान ने बताया वो इस नकली मुद्रा को बाजार में चलाने की फिराक में था। इमरान मोहल्ला नोकुआ बर्फखाना शामली जिले का रहने वाला है।
इमरान ने पूछताछ में बताया कि नफीस पुत्र मुदा जो शामली, कांधला का रहने वाला है उसके पास ये जाली करेंसी लेकर आया था। उसने कहा था कि यह 1 लाख रुपए की जाली करेंसी को असली भारतीय करेंसी के 55 हजार रुपए में सप्लाई करना है। इमरान ने बताया कि 2008 में वो नकली करेंसी के मामले में जेल भी जा चुका है। शामली कोतवाली में उस पर मुकदमा दर्ज हुआ था।

पिता भी था नकली करेंसी का सप्लायर
पता चला है कि इमरान के पिता महबूब के पाकिस्तान निवासी इकबाल उर्फ काना से संबंध थे। इकबाल पाकिस्तान से नकली करेंसी और अवैध असलहे भारत में सप्लाई करता था। इस काम में भारत में इमरान का पिता महबूब उसकी मदद करता था। महबूब कई बार जेल जा चुका है। हालांकि अब उसकी मौत हो चुकी है। एसटीएफ अब नफीस की गिरफ्तारी में लगी है। इमरान पर गुंडा एक्ट, एनएसए सहित अन्य गंभीर धाराओं में शामली में मुकदमा दर्ज है।

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