जिला कारागार में बंद महिला बंदियों के बच्चों को मिलेगी  नि:शुल्क शिक्षा 

बच्चों को स्कूल लाने व वापस ले जाने के लिए जेल प्रशासन की वाहन की व्यवस्था 

मेरठ। चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में बंद चल रही महिला बंदियों के बच्चों को शिक्षा दिलाने का बीडा जिला प्रशासन व जेल प्रशासन ने उठाया है। ऐसे ही सात बच्चों का एडमिशन साकेत पब्लिक में कराया गया है। जहां उनकाे पूरी तरह निशुल्क दी जाएगी। इसके लिए सामाजिक संगठन आगे आए है। 

 जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्र ने बताया जिला कारागार में महिला बंदिया रह रही है। जिनके बच्चे भी उनके साथ रह रहे है। उन्होंने कही ये बच्चे समाज के अन्य बच्चों से शिक्षा के क्षेत्र में पीछे न रह जाए। ऐसे सात बच्चों को  भारत के संविधान के अन्‍तर्गत शिक्षा के अधिकार व भारत सरकार तथा राज्‍य सरकार की प्राथमिकता को दृष्टिगत  रखते हुए निशुल्क शिक्षा दिलाने का प्रयास किया गया है। जिसमें पांच बच्चे व दो बच्चियां शामिल है। उन्होंने इन सभी बच्चों को निशुल्क एडमिशन साकेत पब्लिक स्कूल में कराया गया है। इन बच्‍चों की ड्रेस, कापी-किताब इत्‍यादि की व्‍यवस्‍था मेरठ के प्रसिद्ध व्‍यवसायी एवं स्‍वयंसेवी  राजेश अग्रवाल, विपिन अग्रवाल, श्वेता ज्‍वैलर्स द्वारा की गयी है।इन बच्‍चों को जेल के सरकारी वाहन से महिला सुरक्षाकर्मी के साथ ले जाने एवं वापस लाने की व्‍यवस्‍था की गयी है।    पूर्व में इनमें से सिर्फ एक बच्‍चा बाल संप्रेक्षण गृह के पास सरकारी विद्यालय में पढ़ने जाता था।

  दरअसल जिला कारागार में बंद महिला बंदियों के इन बच्चों का अपराध से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है। कई महिला बंदी ऐसी है। जिस समय वह सलाखों के पीछे गयी थी। उनके दूध पीते ्रबच्चे थे। मुकदमेबाजी चलने कारण वह बडे हो गये है। जिला कारागार का यह प्रयास काफी सराहनीय माना जा रहा है। स्कूल जाते देख डीएम दीपक मीणा व अन्य अधिकारी भी देर तक भावूक हो गये। 

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