किसानों को सीधे मिल रही सम्मान निधिः पीएम मोदी
सहकारिता सम्मेलन में बोले पीएम मोदीनई दिल्ली (एजेंसी)।
दिल्ली में शनिवार को आयोजित 17वीं भारतीय सहकारी महासम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने शिरकत की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि गन्ना किसानों के लिए भी उचित और लाभकारी मूल्य अब रिकॉर्ड 315 रुपये क्विंटल कर दिया गया है।
पीएम ने कहा कि आज हमारा देश विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य पर काम कर रहा है और मैंने लाल किले से कहा है कि हमारे हर लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सबका प्रयास आवश्यक है। हमने सहकारिता को एक बड़ी ताकत देने का फैसला किया। हमने पहली बार सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय बनाया, अलग बजट का प्रावधान किया।
उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र से जुड़े जो मुद्दे वर्षों से लंबित थे, उन्हें तेज गति से सुलझाया जा रहा है। हमारी सरकार ने सहकारी बैंकों को भी मजबूती दी है, लेकिन पिछले 9 वर्षों में ये स्थिति बिल्कुल बदल गई है। आज करोड़ों छोटे किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि मिल रही है। कोई बिचौलिया नहीं, कोई फर्जी लाभार्थी नहीं। बीते 4 वर्षों में इस योजना के अंतर्गत 2.5 लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजे गए हैं। हिसाब लगाएं तो आज हर वर्ष केंद्र सरकार साढ़े 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक खेती और किसानों पर खर्च कर रही है। इसका मतलब है कि प्रतिवर्ष हर किसान तक सरकार औसतन 50 हजार रुपये किसी न किसी रूप में पहुंचा रही है।
115 साल पुराना है सहकारिता आंदोलन गृह मंत्री
वहीं, पीएम से पहले इस महासम्मेलन को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सहकारिता आंदोलन हमारे देश में लगभग 115 वर्ष पुराना है। आजादी के बाद से सहकारिता क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांग थी कि सहकारिता मंत्रालय को अलग बनाया जाए।
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