कार में पिस्टल की सूचना पर दौडी पुलिस 

घंटो तक कमिश्नरी पार्क में मना रहा हडकंप 

मेरठ। बुधवार को उस समय हडकंप मच गया। जब कोर्ट में गवाही देने के आए एक व्यक्ति के साथ आए युवकों के पर पिस्टल  सूचना मिली। काफी देर तक सिविल लाइनल पुलिस ने वाहनाे की चेकिंग करायी । लेकिन पिस्टल का कुछ अता पता नहीं चल पाया। काफी देर तक इस बात को लेकर हडकंप मचा रहा। 

 कुख्यात उधम सिंह का भाई अपने ससुर की हुई हत्या में गवाह है।  कचहरी आया हुआ था। तभी पुलिस को सूचना मिली कि युवक के पास पिस्टल है। पुलिस ने युवक की कार के डैश बोर्ड से लेकर सीट हटाकर चेकिंग की। लेकिन पुलिस को कुछ नहीं मिला। इसके बाद पुलिसकर्मी युवक का नाम व पता नोट करने के बाद बैरंग वापस लौट गए।

मूल रूप से सरूरपुर थाना क्षेत्र के करनावल निवासी मोहित कुमार चौधरी नंगला ताशी में रहता है। जो कुख्यात उधम सिंह का चचेरा भाई हैं। दो साल पहले मोहित के ससुर सुक्रम पाल की उसी के बेटे मोंटू उर्फ रोहित ने हत्या कर दी थी। जिसमें मोहित व उसकी पत्नी गवाह है। बुधवार दोपहर मोहित चौधरी अपने दोस्त आशीष राठी निवासी हरियाणा के साथ कचहरी आया था। तारीख लगाने के बाद दोनों कमिश्नरी पार्क के पास कार में बैठे हुए थे। तभी पुलिस को सूचना मिली कि मोहित और आशीष के पास पिस्टल है, जो कचहरी में आए मुलजिम की हत्या करना चाहते हैं।

जिसका पता चलते ही सिविल लाइन थाना प्रभारी समर बहादुर सिंह टीम को लेकर मौके पर पहुंच गए। उन्होंने दोनों युवकों की तलाशी लेने के बाद कार की चेकिंग की। लेकिन कुछ नहीं मिला। जिसके बाद पुलिस को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा। पुलिस का कहना है कि दोनों युवकों के आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इसी के साथ सूचना देने वाले की भी जांच की जाएगी।

पुलिस के मुताबिक मूल रूप से सरूरपुर थाना क्षेत्र के करनावल निवासी उधम सिंह का गिरोह मेरठ के अलावा वेस्ट यूपी के जिलों में लूट, डकैती, रंगदारी और सुपारी लेकर हत्या की वारदात करता है। दस साल बाद जेल से छूटने के बाद उधम सिंह ने बैंक मैनेजर को धमकी दी थी। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। जिसे चौधरी चरण सिंह जिला कारागार से उन्नाव जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts