फर्जी  कंपनी बना कर जीएसटी  से 6.04 करोड़ रुपए का रिफंड लिया 

 जीएसटी ज्वाइंट कमिश्नर ने मेडिकल थाने में   सहारनपुर 6 के खिलाफ मुकदमा दर्ज 

मेरठ।फर्जी फर्म के नाम पर 6.40 करोड़ रुपयों की टैक्स चोरी का बड़ा फ्रॉड सामने आया है। जीएसटी के ज्वाइंट कमिश्नर ने मेडिकल थाने में 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। सभी आरोपी सहारनपुर के रहने वाले हैं। जीएसटी  विभाग के अनुसार, कुछ फर्जी फर्म ने रजिस्ट्रेशन कराकर जीएसटी रिफंड हासिल किया। जांच की गई तो ये फर्म कहीं थी ही नहीं। पोर्टल पर फर्जी फर्म के रजिस्ट्रेशन को सीज कर दिया गया है।

ज्वाइंट कमिश्नर सेंट्रल जीएसटी मनोज प्रभाकर के अनुसार, ई-रिक्शा और उसके पार्ट्स बनाने वाली 16 फर्जी फर्मों की जानकारी मिली थी। जानकारी पर जब उन फर्म की चेकिंग की गई तो मौके पर कुछ नहीं मिला। फर्म के नाम पर 6.04 करोड़ रुपए का टैक्स चोरी किया गया था। सभी फर्जी फर्म के रजिस्ट्रेशन को सजीन कर दिया गया है। ताकि इनसे कोई लेनदेन न होने पाए। इनके खिलाफ एफआईआर  दर्ज कराई गई है।

तहरीर के आधार पर सनी अरोड़ा निवासी ग्रीन पार्क कालोनी हसनपुर चुंगी सहारनपुर, विवेक जैन निवासी भूतेश्वर मंदिर रोड पीसीएस हॉस्टल माधव विहार सहारनपुर, राघव बंसल उर्फ विराट कांबोज निवासी सहारनपुर, मधुर मारवाह निवासी मधुर मारवाह एंड एसोसिएट अपोजिट बागेश्वर मंदिर सहारनपुर, सौरभ गुलाटी निवासी राधाविहन नियर खेड़ा मंदिर सहारनपुर और राजेश कुमार निवासी तिलक नगर सहारनपुर के खिलाफ मुकदर्मा दर्ज किया गया है।

ई-रिक्शा बनाने की फर्म के नाम पर खेल

इन आरोपियों ने फर्म में ई-रिक्श बनाना होना बताया, लेकिन फर्म के पते पर कहीं कुछ नहीं मिला। न ईरिक्शा बन रहे थे न उनमें सुधार हो रहा था। जांच में पता चला कि वहां कोई फर्म ही नहीं हैं। आरोपियों ने न कोई सामान खरीदा, न कोई निर्माण किया। केवल फर्जी फर्म दिखाकर रेवेन्यू को नुकसान पहुंचाया।

नोटिस भी आए वापस

जब जांच टीम ने इन लोागों के पेनकार्ड, मोबाइल नंबर, ईमेल की डिटेल्स चैक की तो उससे उनके पते ट्रेस किए गए। इसके बाद इन आरोपियों को नोटिस भेजा गया। नोटिस भी वापस आ गए। मेडिकल थानाध्यक्ष योगेंद्र कुमार का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।

एसएसपी  रोहित सिंह सजवाण का कहना है कि थाना मेडिकल के अंतर्गत जीएसटी  विभाग की तरफ से तहरीर मिली है। जिसमें कहा गया है कि 16 ऐसी फर्में जो कुछ समय तक चली, सत्यापन में वो फर्में मिली ही नहीं। लेकिन इन फर्मों ने सरकार से 6.40 करोड़ रुपए का भुगतान अपने पक्ष में करा लिया। क्लेम किया और सरकार से रिफंड ले लिया। मौके पर ये फर्म थी ही नहीं। इन फार्मों व संचालकों के खिलाफ 467,468,471, 420 IPC धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। सभी फर्म संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

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