विवि में मूल्याकंन का दूसरे दिन भी बहिष्कार 

 मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के केंद्रीय मूल्यांकन भवन में मूल्यांकन बहिष्कार दूसरे दिन भी जारी रहा l शिक्षक संघ मूटा ने विश्वविद्यालय के मनमाने निर्णय के विरुद्ध रोष प्रकट किया ।

 मूटा कार्यकारिणी के सदस्यों ने कहा कि विश्वविद्यालय की कुलपति  शिक्षकों को अपमानित करने के आशय से निर्णय ले रही हैं , जो उनके द्वारा अतिरिक्त वित्त बोझ  का हवाला दिया जा रहा है यह तर्कसंगत नहीं है , यदि कुलपति अधिक खर्च को कम करना चाहती है तो पूर्व की भांति उत्तर पुस्तिकाओं को संबंधित शिक्षकों के पास उनके घर भिजवा कर मूल्यांकन करवा सकती हैं । इससे विश्वविद्यालय को किसी भी शिक्षक को टी ए/ डी ए  तथा मूल्यांकन टीम का भुगतान तथा अन्य अल्प आहार का खर्च भी नहीं उठाना पड़ेगा । इसके अतिरिक्त जो स्ववित्तपोषित महाविद्यालय नियमों के विरुद्ध विश्वविद्यालय की सांठगांठ से चलाए जा रहे हैं। उनको तुरंत बंद कर दिया जाना चाहिए जिससे विद्यालय प्रशासन को कम से कम खर्च उठाना पड़ेगा । विश्वविद्यालय लगातार शिक्षक विरोधी नीतियों को लागू कर रहा है, यदि शिक्षकों के अधिकारों के खिलाफ भेदभाव पूर्ण नीति विश्वविद्यालय जारी रखेगा तो शिक्षक अपना आंदोलन जारी रखेंगे । विश्वविद्यालय अपने खर्च घटाने की बजाय शिक्षकों पर निशाना लगा रहा है । विश्वविद्यालय के परिक्षेत्र से 3 जिले कम हो जाने के बावजूद भी परीक्षा बजट में विश्वविद्यालय द्वारा दुगनी वृद्धि की गई है ।

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