बुलंदशहर के भटोना गांव की काव्यांशी साइकिल से 800 किलोमीटर उज्जैन की यात्रा पर निकली 
 प्रदूषण , पर्यावरण व साक्षी को न्याय दिलाने के लिए अनोखी यात्रा पर, रात में साइकिल चला कर बढ रही मंजिल की ओर 
 नोएडा । एक और हम जरा जरा सी दूरी के लिए वाहनों को प्रयोग करते है। किसी चौराहे पर अगर आपको  पांच से दस मिनट तक खडा होना पडे तो आपके हवा भाव से पता चल जाता है। कि प्रदूषण का असर आपके दिमाग व शरीर में हो रहा है। पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए बुलंदशहर के भटोना गांव की काव्यांशी जो ग्रेटर नोएडा में रह कर अपनी जिंदगी को संवारने के लिए लगी है। गत तीन जून को विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर  साइकिल से सुबह पांच बजे रवाना हुई। उनका मकसद लोगों को प्रदूषण के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ पर्यावरण के प्रति लोगों को सचेत करना है। सोमवार तक काव्यांशी ग्वालियर तक साइकिल तक सफर पूरा कर चुकी है। इस दौरान उन्होंने प्रति दस किलोमीटर पर एक पौधा लगाया जो आगे चलकर दूसरों को छांव दे सके। 


 काव्यांशी का कहना है कि हम लोग प्रदूषण की चिंता जरा भी नहीं करते है। जरा जरा सी दूरी के लिए दूपहिए व चौपहिए वाहनों को प्रयोग करते है। जबकि वह कार्य साइकिल पर आसानी हो सकता है। लोगों की लापरवाही के कारण वातावरण में प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ गयी है। अगर हम समय पर नहीं चेते तो आने वाले समय पर ऑक्सीजन का सिलेंडर हमें लेकर चलने के लिए मजबूर होना पडेगा। 



काव्यांशी का कहना है कि बडे- बडे शहरों में पेड़ों की संख्या नगण्य हो गयी है। हर साल पर्यावरण दिवस के अवसर बढचढ कर पौधारोपण करते है। लेकिन उसके बाद उनकी देखभाल करना भूल जाते है। जिसके के कारण आधे से अधिक पेड़ मर जाते है। स्थिति  फिर वही आ जाती है। उन्होंने बताया उसकी यात्रा का मकसद  सिर्फ और सिर्फ लोगों में जागरूकता लाना है। उन्होने बताया प्रकृति ने हमें काफी कुछ दिया है। उनका निरादर करना नहीं चाहिए। कावयांशी का कहना है इस यात्रा के लिए परिवार ने काफी साथ दिया है। 
 उन्होंने बताया उनका उज्जैन महाकाल मंदिर में दिल्ली में हुई साक्षी के हत्या की शांति के लिए पकडे गये आरोपी को कडी से कडी सजा दिलाने का दुआ मांगेगी। 

1 comment:

Popular Posts