एआई शिक्षकों के लिए एक सहायक शक्ति- प्रो संगीता शुक्ला
सीसीएसयू विवि में शिक्षकों को एआई और एज-टेक तकनीकों से सशक्त बनाने हेतु कार्यशाला सम्पन्न
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विवि के अटल सभागार में गुरुवार को “शिक्षकों को एआई उपकरणों से सशक्त बनाने को लेकर शिक्षण, अनुसंधान और अकादमिक कौशल में संवर्धन” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य विश्वविद्यालय के शिक्षकों को एजुकेशनल टेक्नोलॉजी (EdTech) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के आधुनिक टूल्स से परिचित कराना था ताकि वे शिक्षण, शोध और मूल्यांकन की पारंपरिक विधियों को तकनीकी नवाचारों के साथ और अधिक प्रभावशाली बना सकें।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने कहा कि "एआई शिक्षकों के लिए एक सहायक शक्ति है। नैतिकता के साथ इसका प्रयोग करके हम न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि छात्रों को भी तकनीक के सही उपयोग की दिशा दे सकते हैं।"
कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. क्षमा स्वर्णकार, गुंजा कपूर और डॉ. छवि अग्रवाल ने शिरकत की। डॉ. क्षमा स्वर्णकार ने “AI in Teaching: Tools, Ethics and Transformation” विषय पर विस्तार से चर्चा की और बताया कि कैसे टूल्स जैसे ChatGPT, Eduaide.ai, Canva, Google Classroom, MagicSchool.ai और Kahoot का प्रयोग करके शिक्षक अपनी कक्षाओं को अधिक इंटरैक्टिव और प्रभावशाली बना सकते हैं।
डॉ. छवि अग्रवाल ने “Prompt Engineering” को आज की डिजिटल साक्षरता का अभिन्न अंग बताया और समझाया कि सही प्रश्न पूछकर हम एआई से सटीक और वैयक्तिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। गुंजा कपूर ने शिक्षकों को Google Workspace, Jamboard, Quizizz, Labster, और PhET जैसे टूल्स के शैक्षणिक उपयोग की व्यावहारिक जानकारी दी।
कार्यशाला के प्रमुख विषय AI आधारित पाठ योजना निर्माण व कंटेंट क्रिएशन (Canva, Genially, Eduaide.ai,शोध लेखन एवं डेटा विश्लेषण में AI का उपयोग (ChatGPT, Scholarcy, Perplexity.ai)शिक्षक की भूमिका में बदलाव: शिक्षक से कोच तक की यात्रा ,डिजिटल मूल्यांकन और फीडबैक तकनीक (Google Forms, Kahoot, Socrative) आभासी प्रयोगशाला व VR तकनीक का शिक्षण में समावेश (Labster, PhET) AI का नैतिक उपयोग, डेटा गोपनीयता और जिम्मेदार डिजिटल व्यवहार कार्यशाला में यह भी बताया गया कि नई शिक्षा नीति (NEP 2020) और UNESCO की 2024 AI Guidelines डिजिटल समावेशिता, सुलभता और नैतिक तकनीक उपयोग को बढ़ावा देती हैं।कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के 200 से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने इस प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी, प्रेरक और व्यावहारिक बताया।
वर्कशॉप के शुभारंभ से समापन तक कार्यक्रम संयोजिका डॉ. अंशु अग्रवाल सहित संयोजक मंडल के सक्रिय सदस्यों डॉ. नीरज पंवार , डॉ. विजेता गौतम और डॉ. शुभम सैनी ने बारी बारी सभी सत्रों में संचालन किया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
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