दिल की बीमारियों को हराने के लिए  SAAOL की पहल, M3M फाउंडेशन और हरियाणा सीएचसी से मिलाए हाथ

मेरठ :  वर्ल्ड हेल्थ डे 2023 के अवसर पर SAAOL (साइंस एंड आर्ट ऑफ लिविंग) ट्रस्ट ने M3M फाउंडेशन और हरियाणा सरकार के सीएचसी के साथ मिलकर हार्ट केयर पर जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया है. ‘बीट हार्ट डिजीज’ के बैनर तले ये पहल की गई है. 

M3M फाउंडेशन गुरुग्राम की ट्रस्टी डॉक्टर पायल कनोडिया ने बीट हार्ट डिजीज को सपोर्ट करने के लिए 2.34 करोड़ रुपये के डोनेशन का एमओयू साइन किया. वहीं, हरियाणा सरकार की तरफ से डॉक्टर डी. सोलंकी ने एमओयू साइन किया. डॉक्टर बिमल छाजेर की उपस्थिति में SAAOL ट्रस्ट की तरफ से चीफ एडवाइजर डॉक्टर राजऋषि भट्टाचार्य ने ये एमओयू साइन किया.

इस पहल का मुख्य उद्देश्य लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाकर एक स्थायी और स्वस्थ समाज बनाना है.वर्ल्ड हेल्थ डे के अवसर पर इस SAAOL ट्रस्ट के चेयरपर्सन, हार्ट केयर एवं लाइफस्टाइल एक्सपर्ट डॉक्टर बिमल छाजेर ने कहा, ‘’इंफेक्शन से होने वाली बीमारियों पर आजकल की दवाओं और टीकों से कंट्रोल किया जा चुका है. स्मॉल पॉक्स, पोलियो का सफाया हो चुका है, कोविड पर भी कंट्रोल किया जा चुका है. लेकिन लाइफस्टाइल डिजीज, खासकर हार्ट डिजीज, डायबिटीज, हाई बीपी के मामले तब से बढ़ रहे हैं. ये सभी पुरानी बीमारियां हैं, इन बीमारियों को कंट्रोल करने के लिए हेल्थ केयर सर्विस पर बहुत लोड है. दिल का दौरा, स्ट्रोक, किडनी फेल्योर जैसी बीमारियों को अगर समय रहते कंट्रोल न किया जाए तो इनके इमरजेंसी इलाज की लागत भी बहुत अधिक होती है. इन बीमारियों को कंट्रोल करने और ठीक करने का सबसे सस्ता और सबसे अच्छा समाधान बड़े पैमाने पर आबादी, और विशेष रूप से कमजोर आबादी को स्वास्थ्य देखभाल, योग, व्यायाम, आहार संशोधन पर जागरूक करना है. SAAOL का उद्देश्य 50-70 करोड़ भारतीय आबादी को आहार, योग, व्यायाम और हृदय रोग से बचाव के टिप्स के बारे में जागरूक करना है. हम 'बीट द हार्ट डिजीज' की इस पहल के सपोर्ट के लिए और इसे हर भारतीय तक फैलाने के लिए इस तरह की और साझेदारियों की उम्मीद कर रहे हैं."

M3M फाउंडेशन के साथ मिलकर ‘बीट हार्ट डिजीज’ के जरिए लोगों को उनके शारीरिक स्वास्थ्य और लाइफस्टाइल से संबंधित मुद्दों के बारे में बताने और उन्हें हेल्थ पैरामीटर पर अपडेट करने की योजना है. इस परियोजना की कुल लागत 2 करोड़ 34 लाख प्रति वर्ष है,  जिसका उपयोग हरियाणा के नूंह जिले में तौरू ब्लॉक के आसपास 3 साल तक हेल्थ कैम्प लगाने में किया जाएगा.

नूंह जिले के तौरू और अन्य ब्लॉक में ‘सर्वोदय’ प्रोग्राम के जरिए 48-50 हेल्थ कैम्प आयोजित किए जाएंगे जिनमें मुख्य तौर पर लाइफस्टाइल डिजीज पर फोकस किया जाएगा, खासकर दिल से जुड़ी बीमारियों पर. 12500 से ज्यादा चिन्हित लोगों की फ्री हेल्थ स्क्रीनिंग की जाएगी. इसके लिए हेल्थ स्क्रीनिंग वैन के साथ एक्सपर्ट लगाए जाएंगे.

इस प्रोग्राम के माध्यम से लोगों में लाइफस्टाइल की बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाई जाएगी. फाउंडेशन और सीएचसी की मदद से स्वस्थ जीवन जीने के लिए लोगों को जीवन शैली में बदलाव करने में सहायता की जाएगी.

इस प्रोग्राम में ‘स्वास्थ्यकर्मियों’ के सहयोग से 300 योग्य युवाओं को हेल्थकेयर वर्कर के रूप में ट्रेनिंग देना और निर्धारित मापदंडों के अनुसार उन्हें फ्लेबोटोमिस्ट के रूप में रोजगार के अवसर प्रदान करना भी शामिल है.

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