दया याचिकाओं का जल्द हो फैसलाः सुप्रीमकोर्ट
कहा- देरी का फायदा उठा रहे हैं दोषीनई दिल्ली (एजेंसी)।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों और संबंधित अधिकारियों को दया याचिकाओं पर जल्द से जल्द फैसला लेने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि मौत की सजा का सामना कर रहे दोषी अपनी दया याचिकाओं पर निर्णय में हो रही अत्यधिक देरी का फायदा उठा रहे हैं। शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा बॉम्बे हाई कोर्ट के एक आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी। जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की।
जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा अंतिम निष्कर्ष दिए जाने के बाद भी, दया याचिका पर फैसला करने में अत्यधिक देरी होने से मौत की सजा का उद्देश्य विफल हो जाएगा। इसलिए राज्य सरकारों या संबंधित अधिकारियों को दया याचिकाओं पर जल्द से जल्द फैसला लेना चाहिए, ताकि दोषी को भी अपने भाग्य का पता चल सके और पीड़ित को भी न्याय मिल सके।
हाई कोर्ट ने मृत्युदंड को आजीवन कारावास में इस आधार पर बदल दिया था कि राज्य या फिर राज्य के राज्यपाल की ओर से आरोपी द्वारा दायर की गई दया याचिकाओं पर फैसला नहीं करने में एक असामान्य और अस्पष्ट देरी हुई थी, जिसे करीब सात साल 10 महीने तक लंबित रखा गया था।


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