जंतर मंतर पर चल रहे जवानों के अनिश्चितकालीन धरने को पूर्व सैनिक संघर्ष कमेटी ने दिया समर्थन


मुजफ्फरनगर।
जवानों के साथ केंद्र सरकार द्वारा किए गए अन्याय के खिलाफ जंतर मंतर दिल्ली में चल रहे अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन को समर्थन देने और केंद्र सरकार को जवानों को न्याय देने के लिए मुजफ्फरनगर के पूर्व सैनिक संघर्ष कमेटी पदाधिकारी मुजफ्फरनगर के मुख्य मार्ग से पैदल मार्च निकालकर डीएम कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। 

पूर्व सैनिक कैप्टन सुरेश चंद त्यागी ने जानकारी देते हुए बताया कि देश आजाद होने से लेकर अभी तक जवानों के साथ लगातार भेदभाव और अन्याय होता रहा है। जिसके खिलाफ पूर्व सैनिक जवानों की तरफ से 20 फरवरी 2023 से लेकर जंतर मंतर दिल्ली पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी है। उन्होंने कहा की जंतर मंतर पर चल रहे अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन का पूरा समर्थन करते हैं और तन मन धन से समर्थन करते है। और दिल्ली जंतर मंतर पर चल रहे धरना प्रदर्शन के लिए जैसी भी हमारी ड्यूटी लगाई गई। हम अपने राज्य की तरफ़ से अनिश्चितकालीन आंदोलन को पूरा समर्थन करेंगे।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने एक रैंक एक पेंशन को लागू करने के बारे में जानकारी दी है। जिसमें अवगत कराया गया है कि सर्विस करके आए जवानों तथा एक जुलाई 2014 से पहले प्री मैच्योर रिटायरमेंट आए सैनिकों को ही एक रैंक एक पेंशन का लाभ दिया जाएगा। और एक जुलाई 2014 के बाद मैच्योर रिटायरमेंट आए जवानों को एक रैंक एक पेंशन का लाभ नहीं दिया जाएगा।

कैप्टन सुरेश चंद त्यागी ने कहा कि जवान कभी भी प्री मैच्योर रिटायरमेंट नहीं होते क्योंकि उनका एग्रीमेंट 15+2 साल का होता है। जबकि आफिसर्स का एग्रीमेंट 58 साल तक का होता है। और अगर आफिसर्स 58 साल से पहले रिटायरमेंट लेते हैं तो उसको प्री मैच्योर रिटायरमेंट कहा जाता है।

उन्होंने माँग करते हुए कहा कि सभी जवानों को एक रैंक एक पेंशन का लाभ दिया जाए। सेना के आफिसर्स क्योंकि 58 से 60 साल की उम्र में पेंशन आते हैं तो एक रैंक एक पेंशन का लाभ आफिसर्स को नहीं मिलना चाहिए क्योंकि OROP की परिभाषा है कि जवानों को कम उम्र 32 से 40 साल की उम्र में पेंशन भेज दिया जाता है, इस लिए उन्हें एक रैंक एक पेंशन का लाभ दिया जाए।

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