शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है टीबी: सीएमओ

दो वर्षों में जिले को टीबी मुक्त घोषित करने का लक्ष्य, चलाया जाएगा घर-घर जागरूकता अभियान


मुजफ्फरनगर, 23 मार्च 2023
। विश्व क्षय रोग दिवस के उपलक्ष में बृहस्पतिवार को एक कार्यशाला का आयोजन जिला चिकित्सालय के रेड क्रॉस भवन में किया गया। इस दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करते हुए टीबी से बचने के उपाय बताए गए। विश्व क्षय रोग दिवस प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को मनाया जाता है।

जिला चिकित्सालय के रेडक्रॉस भवन में आयोजित कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. महावीर सिंह फौजदार और क्षय रोग अधिकारी डॉ. लोकेश चंद्र गुप्ता ने टीबी के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने टीबी से बचने के उपाय भी बताएं। डा. फौजदार ने कहा- टीबी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है पर फेफड़ों की टीबी संक्रमक होती है। 

 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. महावीर सिंह फौजदार ने बताया - टीबी एक ऐसा रोग है जो टीबी मरीज के खांसने, छींकने से निकलने वाले ड्रापलेट्स के माध्यम से अन्य लोगों में फैलता है। उन्होंने बताया वर्ष 2015 से पहले टीबी एक लाइलाज की बीमारी थी, क्योंकि उस समय इसका कोई इलाज नहीं था, मगर अब टीबी लाइलाज बीमारी नहीं रही क्योंकि टीबी का सफल इलाज प्रत्येक जिले में किया जा रहा है। उन्होंने बताया - देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टीबी मुक्त भारत के सपने को साकार करने के लिए जिले भर में सरकारी एवं गैर सरकारी अधिकारियों के अलावा समाजसेवियों ने टीबी के रोगियों को गोद लेकर उनका उपचार प्राथमिकता से कराया जा रहा है। गत वर्ष जिले भर में टीबी के आठ हजार रोगी चिन्हित किए गए। उन्होंने बताया टीबी के रोगियों को खोजने का मकसद एक दूसरे से फैलने वाले संक्रमण को रोकना है।

उन्होंने बताया प्रदेश सरकार की ओर से निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी के प्रत्येक मरीज के खाते में प्रतिमा ₹500 भेजे जाते हैं। जनपद में अभी तक टीबी के मरीजों के खातों में सात करोड़ रुपए  भेजे जा चुके हैं। टीबी के मरीजों का उपचार 11 माह से लेकर 18 माह तक किया जाता है। गत वर्ष देशभर में जनपद मुजफ्फरनगर को टीबी पर अंकुश लगाने के मामले में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ था, जिसके लिए दिल्ली में हुए एक सेमिनार में कांस्य पदक से सम्मानित किया गया था। उन्होंने बताया प्रधानमंत्री का वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का संकल्प है, जिसके लिए अभी दो वर्ष हमारे पास हैं। आगामी दो वर्षों में जनपद को टीबी मुक्त बना दिया जाएगा क्योंकि इस अभियान को साकार करने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग टीमें निरंतर कार्य कर रही है। टीबी के रोगियों के उपचार के लिए प्रति एक किलोमीटर की दूरी पर उपचार की व्यवस्था है, ताकि टीबी के रोगियों को कोई परेशानी न हो सके और उनको समय रहते उपचार मिल सके।

शुक्रवार को महावीर चौक स्थित जीआईसी मैदान पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ लोकेश चंद्र गुप्ता इस कार्यक्रम में लोगों को टीबी के बारे में जानकारी देंगे। लोगों को अधिक जागरूक करने के लिए रैली का भी आयोजन किया जाएगा, जो शहर के मुख्य मार्गो, कॉलोनी व मोहल्लों से गुजरेगी। जिले को टीबी मुक्त करने के लिए कार्य कर रही सोलह टीम अभियान चलाकर मरीजों को खोजने का काम किया जाएगा। डॉ लोकेश चंद्र गुप्ता ने बताया - टीबी एक संक्रामक रोग है, जिसका बैक्टीरिया मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है। इसके अलावा टीबी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts