किसान देश के प्राण हैं:सरकार नीतियां बदलेगी 

ऐसा काम करें कि नीतियां आपके पीछे आएं:मोहन भागवत

मेरठ। हस्तिनापुर में चल रहे  तीन दिवसीय राष्ट्रीय कृषि संगम  में रविवार को बोलते हुए आरआरएस सर संचालक  मोहन भागवत ने कहा कि भारतीय किसान संघ केवल आंदोलन नहीं करता, बल्कि किसानों और प्रकृति को वो देता भी है जो उनका दायित्व है। उन्होंने कहा कि मैं देशभर में घूमता हूं। वहां ऐसे किसान मुझे दिखते हैं, जो गौ आधारित खेती करते हैं। वो बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। दुनिया जिन संकटों से भयभीत है, वो हम दूर कर सकते हैं।

भागवत ने कहा कि सरकार नीतियां बदलेगी, लेकिन खेती और प्रकृति को बचाने वाले हम लोग हैं। वो हमें करना होगा। 200 किसान मिलकर ऐसा काम करने लगें तो वो होगा। किसान ऐसा करने लगेगा तो नीतियों को उसके पीछे आना पड़ेगा। ये सभी किसानों के लिए है। ये किसान देश के प्राण हैं। मोहन भागवत ने कहा कि हमारी भारतीय कृषि अपनी जन्मदात्री को नष्ट नहीं करती है। भारतीय कृषि प्रकृति से उतना ही लेती है, जितनी जरूरत है। ताकि प्रकृति का भंडार बना रहे। रिप्लेनिशमेंट के तंत्र को बताते हुए कहा कि हम बाहर से रसायन का प्रयोग नहीं करते हैं, बल्कि प्रकृति से लेकर उसे वापस करते हैं। भगवान ने कहा है कि गीता में हरेक की अपनी जगह है। भारतीय खेती का चक्र पहचानकर हमें चलना होगा। रसायन मिट्टी से तत्वों को नष्ट कर देते हैं। लेकिन गौ आधारित पेस्टीसाइट कीटों कोर्ट नहीं बल्कि नियंत्रित करते हैं। भागवत ने कहा कि गौ आधारित खेती में किसान को कहीं लोन लेने जाना नहीं पड़ता था इसलिए खेती की लागत कम होती थी। नदियों के पानी के बहाव को पहचानकर सिंचाई हो जाती थी। ये सब कुछ था लेकिन अब काम हुआ है। गौ आधारित खेती प्रकृति के चक्र को नहीं बिगाड़ती है। उन्होंने कहा कि हमारे किसान परेशान हैं, उनकी सारी मांगे पूरी भी नहीं हो सकती हैं। इसलिए खेती की लागत को कम करना पड़ेगा। ऐसा केवल गौ आधारित खेती से संभव है। बथुआ हमारी खेत की मेड़ों पर होता था, कहा बेर कितना पोषक है। आज उस पर लेख आ रहे हैं।कृषि संगम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने किसानों को जैविक खेती का महत्व बताया। उन्होंने देशभर से आए लगभग 700 किसानों से संवाद किया। जैविक उत्पादों और जैविक खेती के बारे में बताया।

संघ प्रमुख डॉ. मोहन राव भागवत ने उड़ीसा तमिलनाडु केरल हरियाणा पंजाब से आए किसानों के विचार सुने। और उसके बाद अपने संबोधन में कहा कि को आधारित जैविक कृषि भारत का भविष्य है। आने वाले समय में यह और अधिक क्षेत्रफल में देखने को मिलेगी लोग जागरुक हो रहे हैं और वह आधारित खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं।उन्होंने बताया कि गौ आधारित खेती से ने किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि उन्हें गंभीर बीमारियों से भी छुटकारा मिलेगा। भारत कृषि प्रधान देश है यहां पर व्यापार उद्योग धंधे सब कृषि पर आधारित है इसलिए कृषि भारत की अर्थव्यवस्था है।

भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बद्रीनाथ चौधरी व राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्रा कार्यकारणी अध्यक्ष हुकमचंद पाटीदार ने पहले सत्र में किसानों को गौ आधारित कृषि एवं जैविक प्राकृतिक खेती के बारे में संबोधित किया और उससे होने वाले लाभों के बारे में किसानों को बताया।


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