ड्यूरेक्स बर्ड्स एंड बीईईएस टॉक प्रोग्राम ने अपनी पहली रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट जारी की


नोएडा। कंज्यूमर हैल्थकेयर में ग्लोबल लीडर रैकिट ने आज ड्यूरेक्स बर्ड्स एंड बीईईएस टॉक प्रोग्राम के विस्तार की घोषणा की। यह कार्यक्रम गुजरात और नई दिल्ली में 10 से 19 साल के किशोर बच्चों पर केंद्रित है। एसोचैम फाउंडेशन फॉर कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (एएफसीएसआर) के साथ गठबंधन में इस कार्यक्रम का उद्देश्य इस साल इन दोनों राज्यों में 15 मिलियन किशोर बच्चों को लाभान्वित करना है। इस विस्तार के साथ कार्यक्रम के अंतर्गत थीम गान ‘प्रोटेक्टेड’ लॉन्च किया गया है, जो इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत पाँच मुख्य स्तंभों कंसेंट, ईक्विटी, समावेशन, जागरुकता और सुरक्षा पर केंद्रित है।
रैकिट साउथ एशिया के एग्जिक्यूटिव वाईस प्रेसिडेंट, गौरव जैन ने कहा, रैकिट में हम किशोर बच्चों को जीवन में परिवर्तनकारी अनुभवों में सहयोग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिनके लिए ढलना और अनुकूलन आवश्यक है। पिछले तीन सालों में ड्यूरेक्स बर्ड्स एंड बीईईएस टॉक प्रोग्राम उत्तर पूर्वी राज्यों में प्लान इंडिया के साथ साझेदारी में क्रियान्वित किया गया है। यह किशोर बच्चों और युवाओं को बड़े होने से जुड़े अनुभव और कौशल सिखाने पर केंद्रित है। इस कार्यक्रम में निवेश किए गए हर 1रु. के लिए 24.40रु. के सामाजिक मूल्य का निर्माण होता है, जो इस कार्यक्रम द्वारा अपने अंशधारकों के बीच निर्मित भरोसे का संकेत है और इससे एक ठोस आधार के साथ बड़ी ऊँचाईयाँ हासिल करने की संभावनाएं उत्पन्न होती हैं। हमें विश्वास है कि एएफसीएसआर के साथ हमारी साझेदारी गुजरात और नई दिल्ली में भी इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मदद करेगी और विद्यार्थियों को शिक्षित करेगी, जिसकी मदद से हम यूएन सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स 3 (अच्छा स्वास्थ्य एवं सेहत), 4 (गुणवत्तापूर्ण शिक्षा), और 5 (लैंगिक समानता) प्राप्त करने की ओर बढ़ सकेंगे।’’
दीपक सूद, सेक्रेटरी जनरल,एसोचैम एंड ट्रस्टी,एसोचैम फाउंडेशन फॉर कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी ने कहा हमें रैकिट के सबसे सफल प्रोग्रामों में से एक, ड्यूरेक्स बर्ड्स एंड बीईईएस टॉक के लिए उनके साथ साझेदारी करने की खुशी है। हम इसे गुजरात और नई दिल्ली के विभिन्न जिलों में ले जाएंगे। इस कार्यक्रम के अंतर्गत हमारा उद्देश्य 15 मिलियन से ज्यादा किशोर बच्चों को शक्ति, सुरक्षा और खुशी की सही ज्ञान प्रदान करना है ताकि उनका स्वास्थ्य, सेहत और विकास सुनिश्चित हो। यह कार्यक्रम पॉप-सांस्कृतिक संदर्भों, इन्फ्लुएंसर्स के साथ संलग्नता और संचार के लिए टेक्नॉलॉजी के उपयोग की मदद से विद्यार्थियों के बीच स्वस्थ व्यवहार, विश्वास के साथ निर्णय लेने, सहमति के बारे में ज्ञान, और समानता एवं समावेशन निर्माण की जागरुकता बढ़ाएगा।’’

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