मन में विश्वास कायम करना विद्यार्थी का कर्म होता- डा अल्पना 

 डी.ए.वी. मेरठ स्कूल में पेरेंट्स ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन

 मेरठ। मंगलवार को डी.ए.वी. सेंटेनरी पब्लिक स्कूल,  के प्रांगण में 2020-23 सत्र के दसवीं कक्षा के छात्रों के भावी भविष्य हेतु करियर काउंसलिंग सत्र का आयोजन किया गया। रूचि के अनुसार स्पष्ट सोच विकसित करना करियर काउंसलिंग का मुख्य  उद्देश्य होता है। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु स्कूल के प्रांगण में छात्रों के मार्गदर्शन हेतु वाणिज्य, विज्ञान तथा कला के क्षेत्र की संपूर्ण जानकारी तथ्यों के आधार पर छात्रों को अवगत कराई गई।कार्यक्रम में कक्षा दसवीं के 2022-23 के छात्र तथा अभिभावक भी उपस्थित थे।कार्यक्रम का प्रारंभ प्राचार्य डॉ अल्पना शर्मा के स्वागत से किया गया। प्राचार्य ने छात्रों को संबोधित करते हुए उन्हें उनके भावी भविष्य के प्रति सचेत किया।
कार्यक्रम के प्रमुख प्रवक्ताओं में अर्चना कुमार, मोहित गुप्ता, रिषभ चौधरी, शांतनु शर्मा स्थित थे। अर्चना कुमार ने छात्रों को वाणिज्यिक क्षेत्र से अवगत कराया।जिसमें विद्यार्थियों को वेबडे बलपर, यू.एक्स डिजाइन, डिजिटल मार्केटिंग, साइबर सिक्योरिटी, कोडिंग सॉफ्टवेयर डेबल पर, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, विडियो एडिटिंग, डिसिशन मेकिंग, कम्युनिकेशन के क्षेत्र में करियर बनाने की अभूतपूर्व जानकारी प्रदानकी। मोहित गुप्ता तथा  रिषभ चौधरी ने छात्रों को तकनीकी क्षेत्र से अवगत कराते हुए इंजीनियरिंग, एन.डी.ए., मार्केटिंग, डॉक्टर, एस्ट्रोनॉट,रिसर्च वर्क, साइंटिस्ट आदि कई योजनाओं से अवगत कराते हुए मार्गदर्शन किया।
शांतनु शर्मा ने छात्रों को कला के क्षेत्र की अभूतपूर्व जानकारी प्रदान की एवं पब्लिक पॉलिसी, एनालिसिस, पॉलिटिशियन, पब्लिक एड, लॉबिस्ट,डिपलोमेट, फाइनेंनशियल, इकोनॉमिक एडवाइजर, कस्टम ऑफिसर, फॉरेन सर्विस, स्पेशल पॉलिसी प्रोग्राम, आर्कियो लोजिस्ट, म्यूजियोलॉजी, हिस्टॉरियन्स, हिस्ट्री एक्सपर्ट, हेरिटेज, मैनेजमेंट आदि कई क्षेत्रों की जानकारी प्रदान की।
ऐसे कई क्षेत्र हैं जिनके विषय  में विद्यार्थियों को जानकारी भी नहीं है। अर्चना कुमार  ने  विद्यार्थियों को उन क्षेत्रों से अवगत कराते हुए मॉडलिंग, डिजाइनर, होटल मैनेजमेंट, यूट्यूबर, ब्लॉगर, इनफलूयन्सर, इवेंट मेनेजर, इंटरप्रेन्योर करियर की पूर्ण जानकारी प्रदानकी।
प्राचार्य डॉ अल्पना शर्मा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि अपने जीवन का निर्णय अपने हाथ में होना चाहिए।माता-पिता सहयोगी हो इसके लिए उनके मन में विश्वास कायम करना विद्यार्थी का कर्म होता है।अब अपनी योग्यता रूचि के अनुसार करियर का चुनाव वास्तविकता के धरातल पर रहकर करनाचाहिए।

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