12 विभाग मिलकर एक अप्रैल से शुरू करेंगे संचारी रोग नियंत्रण अभियान

- बेहतर समन्वय के लिए जिलाधिकारी 22 को करेंगे अंतर्विभागीय बैठक

- सफाई और फॉगिंग के साथ एंटी लार्वा छिड़काव किया जाएगा

- दस्तक में कुपोषित बच्चेबुखारआईएलआई और टीबी रोगी होंगे चिन्हित

 


गाजियाबाद, 17 मार्च, 2023
मौसम में बदलाव के साथ ही संक्रामक रोग बढ़ने लगते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हर वर्ष की तरह अप्रैल माह के दौरान जनपद में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया - इस संबंध में शासन से निर्देश प्राप्त हो गए हैं। संचारी रोग नियंत्रण अभियान में 12 विभाग शामिल होंगे। जिलाधिकारी ने सभी विभागों के साथ बैठक के लिए 22 मार्च की तारीख निर्धारित की है। बता दें कि हर साल दो चरणों में अप्रैल और जुलाई माह के दौरान संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाता है, हालांकि पिछले वर्ष अक्टूबर माह में भी अभियान के तीसरे चरण का संचालन किया गया था। मलेरिया विभाग और संक्रामक रोग नियंत्रण विभाग और स्थानीय निकाय मिलकर साफ -सफाई के साथ फॉगिंग और एंटी लार्वा छिड़काव कराएंगे।

सीएमओ ने बताया- शासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर नगर विकासपंचायती राज, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग, ग्राम्य विकासचिकित्सा शिक्षा, कृषिसिचाई, बेसिक शिक्षा, पशुपालन, माध्यमिक शिक्षा विभागदिव्यांग कल्याण, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, वाणिज्य कर एवं मनोरंजन विभागनमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाएंगे। एक से 30 अप्रैल तक संचालित होने वाले अभियान के दूसरे पखवाड़े में 17 से 30 अप्रैल तक दस्तक पखवाड़ा होगा। दस्तक पखवाड़े में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम घर-घर जाकर बुखार पीड़ितों, आईएलआई (इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस) और सारी (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन) के लक्षण वाले रोगियों को चिन्हित कर उपचार उपलब्ध कराएंगी और साथ जरूरी एहतियात के बारे में काउंसलिंग भी करेंगी। दस्तक अभियान में क्षय रोगी और कुपोषित बच्चे भी चिन्हित किए जाएंगे। 

जिला सर्विलांस अधिकारी (डीएसओ) डा. राकेश गुप्ता ने बताया-  जहां मच्छरों का सामान्य से अधिक प्रजनन पाया जाएगा, वहां मलेरिया विभाग अन्य विभागों के सहयोग से मच्छर नियंत्रण गतिविधियां संचालित करेगा। अभियान के दौरान इंसेफेलाइटिस, डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और कालाजार जैसी संक्रामक बीमारियों के खिलाफ प्रदेश के सभी 75 जिलों में यह अभियान चलाया जाएगा। हालांकि इंसेफेलाइटिस और कालाजार जैसी बीमारी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नहीं है। दस्तक अभियान के माध्यम से संक्रामक और जल जनित बीमारियों पर वार किया जाएगा। 12 विभागों के समन्वय से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एक साथ चलाए जाने वाले इस अभियान के तहत विभिन्न तरह की गतिविधियां संचालित की जाएंगी। हाई रिस्क क्षेत्रों दस्तक अभियान के दौरान घर-घर टीमों के सर्वेक्षण के आधार पर चिन्हित क्षेत्रों में फॉगिंग की जाएगी। 

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