राष्ट्रीय युवा दिवस: पत्रकारिता के छात्रों ने स्वामी विवेकानंद के जीवन से सीखे सबक

- आईआईएमटी विश्वविद्यालय में डॉक्यूमेंट्री शो एवं स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता का आयोजन
मेरठ। 
स्वामी विवेकानंद के लेख, भाषण और उनकी किताबें हर दौर के छात्रों के लिए एक अध्याय होती रही हैं। पूरी दुनिया में भारत को एक पहचान दिलाने वाले स्वामी विवेकानंद के जीवन से छात्रों को काफी कुछ सीखना चाहिए। राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर आईआईएमटी विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ  मीडिया फिल्म एंड टेलीविजन स्टडीज विभाग के संकाय अध्यक्ष डॉ रविंद्र प्रताप राणा ने विद्यार्थियों के समक्ष ये विचार रखे।
विकसित युवा - विकसित भारत थीम को लेकर स्वामी विवेकानंद की 160वीं जयंती को धूमधाम से मनाया गया। छात्रों को स्वामी विवेकानंद की एक डॉक्यूमेंट्री के माध्यन से शिक्षा दी गई। इसके बाद छात्रों के बीच स्लोगन प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विभाग के डीन डॉ रविंद्र प्रताप राणा ने स्वामी जी के जीवन से सीख लेकर जीवन में उतारने का आह्वान किया। विभाग के वरिष्ठ शिक्षक डॉ नरेंद्र कुमार मिश्रा ने स्वामी जी जीवन के प्रसंग छात्रों के साथ साझा करते हुए बताया कि स्वामी जी ने अपने जीवन का 28वां जन्मदिन मेरठ में ही मनाया था और करीब पांच महीनों के लिए वो मेरठ में आकर रहे थे। उस दौर की स्वामी विवेकानंद की यादें अभी भी मेरठ के कई कोनों में संजो कर रखी गई हैं। विभागाध्यक्ष विशाल शर्मा ने स्वामी जी के जीवन को युवाओं के लिए एक मिसाल बताया। कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन शिक्षक सचिन गोस्वामी किया। इस अवसर पर डॉ पृथ्वी सेंगर, डॉ विवेक सिंह, विभोर गौड़, निशांत सागर, चंद्र मोहन मिश्रा, अभिषेक शर्मा, ज्ञान प्रकाश और मीडिया प्रभारी सुनील शर्मा मौजूद रहे।

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