हँसिए कि आप जिंदा है

- कृष्ण कुमार निर्माण
आज विश्व हास्य दिवस है। मायने कि हँसने का दिन ताज्जुब है कि हँसने का भी दिन निर्धारित किया है क्योंकि आदमी हँसता ही नहीं है। पर यह भी अपने आप में कितना बड़ा दुर्भाग्य है कि लोग हँसना भूल रहे है। बेशक कारण भागती-दौड़ती जिंदगी हो या जरूरतें पूरी करने की ललक। हैरत है कि हँसना अब एक योग भर मान लिया गया है और योग शिविरों के दौरान ही ठहाके सुनाई देते हैं। आम जीवन में हँसी गधे के सिर पर सींग की तरह गायब है जबकि हँसना जीवन का एक अनिवार्य अंग है। बिना हँसे जीवन को जीना नहीं बल्कि ढोना होता है और जिसे ढोया जाता है, वह यकीनन बोझ होता है।


मगर दुर्भाग्य कि जब इक्कसवीं सदी है और हर चीज उपलब्ध है मगर हँसी गायब है,काफूर है। जिस तरह से तालियाँ बजाने के लिए भी कृत्रिम तालियों का अविष्कार कर लिया वैसे ही आज के इंसान ने हँसना भी नकली बना लिया है क्योंकि हँसना केवल मुख से नहीं होता जो दिखाई देता है बल्कि हँसना दिल से होता है जब आपका रोम-रोम हँसे तब हँसना मानिए वरना तो फिर यह यकीनन मान लीजिए कि हम सब हँसने के नाम पर ढोंग ही कर रहे हैं और यह भी सत्य है कि जब भी हम किसी भी काम में ढोंग करते हैं तब निश्चित रूप से पकड़े जाते हैं।कितनी हैरत की बात है कि हँसी के लिए क्लब बनाने पड़ रहे है।एक अनुमान के अनुसार विश्व भर में छह हजार से ज्यादा लाफ्टर क्लब है।भारत में भी काफी लाफ्टर क्लब हैं।
कहावत है कि एक हँसी हजार नियामत मगर यह सिर्फ कहावत रह गई वरना ऐसी क्या बात है कि आज के दौर में भी हमें विश्व हास्य दिवस मनाना पड़ रहा है।याद रखिए दिवस उन्हीं के मनाए जाते हैं जो चीजें गायब हो चुकी होती है वरना तो हँसी हमारे जीवन के हरपल का हिस्सा थी और होनी चाहिए। वैसे हैरत की बात यह भी है कि हम लोग हर बात पर चर्चा करते हैं मगर कमाल है कि कभी हँसी के विषय में चर्चा की हो या करते हों। हँसना भी अब लोगों को बताना पड़ रहा है।बावजूद इसके फिर भी लोग हँसना नहीं चाहते। जबकि तथ्य यह है कि सिर्फ हँसना आपको कई बीमारियों से बचा सकता है।
सबसे पहली बात तो यह कि हँसने से व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और नकारात्मक खत्म होती है,जिससे व्यक्ति बहुत कुछ कर सकने के काबिल हो जाता है।मजे की बात यह है कि हँसी किसी को कैंसर से बचाने का काम कर सकती है।
इससे गुस्सा भी हल्का होता है।हँसने से कई बीमारियां वैसे ही काफूर हो जाती हैं।क्योंकि हँसने से रक्त संचार बढ़ता है।पेट और छाती के बीच डायाफ्रॉम होता है, जब कोई व्यक्ति हँसता है तब इनके बीच धुकधुकी  करता है, जिससे पेट, फेफड़े और यकृत की मालिश हो जाती है।मनोवैज्ञानिक तो यहाँ तक मानते हैं कि जो बच्चे ज्यादा हँसते हैं वो अधिक बुद्धिमान होते हैं तभी तो जापान के लोग जन्म से बच्चों को हँसने की शिक्षा देते हैं।इसलिए याद रखिए कि जीवन में हँसना बहुत जरूरी है क्योंकि हँसना ही जीवन है।इसलिए हँसिए क्योंकि आप जिंदा है।
(स्वतंत्र लेखक और शिक्षाविद करनाल, हरियाणा)

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