पाक के नापाक इरादे
आये दिन भारतीय सीमा में पाकिस्तानी ड्रोंस की हरकतें नजर आती हैं। इनमें से बड़ी संख्या में ड्रोन मार गिराये गये हैं और अरबों रुपये के नशीले पदार्थ और हथियार अब तक बरामद हो चुके हैं। विडंबना ये है कि भारतीय सीमा में कई काली भेड़ें इन भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। जो व्हाटसएप के जरिये लोकेशन हासिल कर ड्रोन से गिराये अवैध नशे और हथियारों को उठा ले जाते हैं। नशा तस्करों का अंतर्राष्ट्रीय जाल भारतीय संप्रभुता और सुरक्षा को चुनौती दे रहा है। हाल ही में अमृतसर में पुलिस ने दो नशा तस्करों को गिरफ्तार किया था और आरोपियों से एक ड्रोन भी बरामद हुआ। ये तस्कर पाकिस्तान से हेरोइन मंगवाते थे। जो ड्रोन इन आरोपियों से बरामद हुआ वह अमेरिका में बना परिष्कृत ड्रोन था, जिसकी कीमत बीस लाख रुपये बतायी गई है। बताते हैं कि गत एक माह में सीमा से बरामद यह छठा ड्रोन था, जो सबूत है कि पाकिस्तान से भारत विरोधी साजिशें किस स्तर पर संचालित की जा रही हैं। आए दिन बीएसएफ के जवानों की मुस्तैदी से कई ड्रोन मार गिराये जाते हैं और कई चकमा देकर फिर पाकिस्तान की सीमा में चले जाते हैं। इन गतिविधियों को देखकर लगता है कि यह काम सिर्फ नशा तस्करों का ही नहीं हो सकता। इसमें पाक सत्ता प्रतिष्ठानों व खुफिया एजेंसियों की भूमिका निश्चित रूप से हो सकती है। तभी भारतीय सीमा में भारी मात्रा में मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया जाता है।दरअसल, कई बार उन लोगों की ओर भी संदेह की सुई घूमी है, जिनका काम लोगों को सुरक्षा मुहैया कराना होता है। भारतीय तस्कर और चरमपंथी भी इन गतिविधियों को अंजाम देते हैं। जिन्हें पाक में बैठे उनके आका लगातार संदेश भेजकर तस्करी को अंजाम देते हैं। इतना ही नहीं, कई बार कोहरे का फायदा उठाकर भी ड्रोन भारतीय सीमा में दाखिल हो जाते हैं। पिछले दिनों ऐसे मामले भी प्रकाश में आये जब ड्रोनों की लाइट बंद करके सुरक्षा बलों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश की गई। पंजाब से लगातार बरामद हो रहीं नशीले पदार्थों व अवैध हथियारों की खेप बताती हैं कि यह साजिश किस पैमाने पर चल रही है। दरअसल, पाकिस्तान से भेजे जा रहे अधिकांश ड्रोन चीन निर्मित बताये जाते हैं। वहीं केंद्र सरकार द्वारा अक्तूबर, 2012 में सीमा सुरक्षा बल का अधिकार क्षेत्र पंद्रह किलोमीटर से बढ़ाकर पचास किलोमीटर करने के बाद तरनतारन और अमृतसर सीमा पर सात के करीब ड्रोन बरामद किये जा चुके हैं। जिससे पता चलता है कि पाक से भारत को अस्थिर करने की साजिशें किस स्तर पर चल रही हैं। गुरदासपुर सेक्टर में इस मौसम में दो दर्जन से अधिक बार पाक से आये ड्रोनों की संदिग्ध गतिविधियां देखी गई हैं। वहीं दूसरी ओर, जम्मू कश्मीर में भारत -पाक सरहद में बीएसएफ ने पच्चीस से ज्यादा ड्रोन मार गिराये हैं। साथ ही बड़ी संख्या में नशे की खेप, अवैध हथियार तथा नकली करेंसी भी बरामद की गई है। इसके बावजूद पाक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। ऐसे में सीमा पर ड्रोन पर निगरानी रखने वाली आधुनिक तकनीक तथा चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत महसूस की जा रही है ताकि विषम परिस्थितियों वाले मौसम में ड्रोनों की घुसपैठ को रोका जा सके। हालांकि, फिलहाल बीएसएफ के पास बहुत-सी टेक्नीक और आधुनिक साधन मौजूद हैं,लेकिन इन्हें अधिक उन्नत बनाये जाने की आवश्यकता है। वक्त की जरूरत है कि इनोवेशन और विदेशी खरीद के जरिये उन्नत ड्रोन तकनीक हासिल कर सीमा की सुरक्षा को चाकचौबंद बनाया जाये।

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