मेरठ समेत उप्र के सात शहरों में बनाए जा रहे आश्रय पालना स्थल
जनपद में जिला अस्पताल के बाहर की गई जगह चिन्हितअनचाहे नवजात शिशुओं का जीवन बचाने को पहल
मेरठ, 12 दिसम्बर 2022। अनचाहे नवजात शिशु को सुरक्षित परित्याग के लिए उत्तर प्रदेश सात शहरों में आश्रय पालना स्थल बनाए जा रहे हैं।मेरठ में जिला महिला अस्पताल के बाहर इसके लिए जगह चिन्हित की गई। यहां पर पालना लगाया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.अखिलेश मोहन ने बताया-अक्सर देखा गया है कि अनचाहे शिशु- विशेष रूप से बेटियों को जन्म लेते ही क्रूरता पूर्वक डस्टबिन, कटीली झाड़ियों, नदी, तालाब, कुएं में फेंक दिया जाता है और वह भयानक मृत्यु को प्राप्त होती हैं। कई बार ऐसी नवजात बच्चियां गलत हाथों में जाने पर भिक्षावृत्ति, वेश्यावृत्ति जैसे अनैतिक कार्यों में फंस जाती हैं। इनकी रक्षा के लिए शासन ने पालना आश्रय स्थल स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह आश्रय पालना स्थल हाईटेक मोशन सेंसर से युक्त होंगे। ताकिपालना में शिशु को छोड़ने के दोमिनट पश्चात चिकित्सालय के स्वागत कक्ष में अपने आप घंटी बजेगी। इस दो मिनट के समय में शिशु को छोड़ने वाला व्यक्ति आसानी से सुरक्षित रूप से वहां से जा सकेगा और इससे उसकी पहचान भी गोपनीय बनी रहेगी। उन्होंने बताया- जो भी व्यक्ति आश्रय पालना स्थल के पालना में नवजात शिशु को सुरक्षित छोड़ता है उसकी पहचान पूर्ण रूप से गुप्त रखी जाएगी। नही उसे रोका जाएगा,नही टोका जाएगा,न ही कुछ पूछा जाएगा, नही उसेपकड़ा जाएगा औरन ही उसके विरुद्ध पुलिस में कोई शिकायत (एफआईआर) दर्ज की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में मेरठ, लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, आगरा झांसी, और कानपुर में आश्रय पालना स्थल बनाए जाएंगे। इन शहरों में पालना स्थल के लिए जिला महिला चिकित्सालय पर जगह उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिये सामाजिक संस्थाओं का सहयोग लिया जा रहा है।


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