मोरबी पुल हादसा

 आरोपियों की पैरवी से वकीलों का इनकार
 कोर्ट ने चार आरोपियों को भेजा पुलिस कस्टडी में
मोरबी (एजेंसी)।
गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे के आरोपियों की पैरवी से वकीलों ने इनकार कर दिया है। मामले में अब तक नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से चार पुलिस रिमांड पर हैं, जबकि पांच को जेल भेज दिया गया है। पुल हादसे में 135 लोगों की मौत हो चुकी है।
मोरबी बार एसोसिएशन ने पुल हादसे के सभी आरोपियों की न्यायिक मदद से इनकार कर दिया है। एसो. के प्रमुख वकील एसी प्रजापति का कहना है कि हमने और राजकोट बार एसोसिएशन ने सभी नौ आरोपियों का केस नहीं लड़ने का फैसला किया है। वकीलों के इन दोनों संगठनों ने प्रस्ताव पारित कर यह फैसला किया है।
मोरबी पुल हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए गुजरात में आज प्रदेशव्यापी शोक रखा गया है। सरकारी इमारतों में राष्ट्रध्वज आधे झुके हैं। आज मनोरंजन या अन्य सरकारी कार्यक्रम नहीं होंगे। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई एक बैठक में बुधवार को राज्यव्यापी शोक रखने का निर्णय किया गया था।
14 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
मोरबी पुल हादसे का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित करने की मांग को लेकर याचिकाएं दायर की गई हैं। प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका सुनवाई कर ली है। इन पर 14 नवंबर को सुनवाई होगी।
कंपनी के प्रमुख ने कहा- भगवान की मर्जी
मोरबी पुल हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। नदी में शव खोजने का काम अब भी जारी है। हादसे के बाद कई अधिकारियों की लापरवाही पर कई सवाल भी खड़े होने लगे हैं, लेकिन पुल की मरम्मत और देखरेख करने वाली ओरेवा कंपनी ने हादसे का पूरा दोष भगवान पर ही डाल दिया है। कंपनी के मीडिया मैनेजर दीपक पारेख ने इस दर्दनाक हादसे से पूरी तरह से पल्ला झाड़ लिया है। उनकी ओर से कोर्ट में बयान दिया गया है कि इस बार भगवान की कृपा नहीं रही होगी, इसलिए यह हादसा हो गया।

सामने आई चौंकाने वाली चिट्ठी

इस पुल हादसे को लेकर एक चौंकाने वाली चिट्ठी भी सामने आई है। ओरवा कंपनी की ओर से जनवरी, 2020 में मोरबी जिला कलेक्टर को एक चिट्ठी लिखी गई थी, इससे पता चलता है कि पुल के ठेके को लेकर कंपनी और जिला प्रशासन के बीच एक लड़ाई चल रही थी। ओरेवा ग्रुप पुल के रखरखाव के लिए एक स्थायी अनुबंध चाहता था। समूह ने कहा था कि जब तक उन्हें स्थायी ठेका नहीं दिया जाता तब तक वे पुल पर अस्थायी मरम्मत का काम ही करते रहेंगे। इसमें यह भी कहा गया है कि ओरेवा फर्म पुल की मरम्मत के लिए सामग्री का ऑर्डर नहीं देगी और वे अपनी मांग पूरी होने के बाद ही पूरा काम करेंगे।


कोर्ट ने चार आरोपियों को भेजा पुलिस कस्टडी में
मोरबी। बुधवार को मोरबी कोर्ट ने इस मामले में 4 आरोपियों को 5 नवंबर यानी शनिवार तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है, जबकि अन्य 5 लोगों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पुलिस हिरासत में 4 व्यक्तियों में से 2 ओरेवा कंपनी के प्रबंधक हैं और अन्य दो निर्माण कार्य ठेकेदार के लोग हैं। पुलिस ने 9 आरोपियों को 31 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। उनमें ओरेवा कंपनी के दो मैनेजर, दो टिकट क्लर्क के साथ दो ठेकेदार और तीन सुरक्षा गार्ड शामिल थे।
अभियोजन पक्ष ने फोरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि केबल ब्रिज की मरम्मत करने वाले ठेकेदार यह काम करने के योग्य नहीं थे।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts