बसपा छोडने वाले काग्रेसी नसीमुददीन को छलक पडा दर्द

 बोले मजबूरियों में छोडने पडा बसपा का साथ
 मेरठ।  प्रदेश में निकाय चुनाव की तैयारी के सिलसिले में प्रांतीय अध्यक्ष नसीमुददीन सिददकी सोमवार को मेरठ मेें अपार चैंबर में कार्यकर्तओ में जोश भरने के लिये पहुंचे। इस दौरान मीडिया के समक्ष उन्होंनेे बसपा छोडकर कांग्रेस में शामिल होने का दर्द बया कर दिया।
नसीमुद्दीन ने बसपा छोड़ने के सवाल पर भरे मन से शेर पढ़ते हुए कहा कि
मजबूरियों के नाम पर सब छोड़ना पड़ा,दिल तोड़ना कठिन था मगर तोड़ना पड़ा,तूफान पे लिखे थे मेरे दोस्तों के नाम,किश्ती को किनारों की तरफ मोड़ना पड़ा।
अपने शेर में नसीमुद्दीन ने उस दर्द को बयां किया जो उन्हें बसपा के लिए अहसास होता है। 3 दिन पहले नसीमुद्दीन सिदद्की ने सहारनपुर में बसपा सुप्रीमो मायावती को लेकर बड़ा बयान दिया था। कहा था कि बसपा पैसा लेकर टिकट देती है, मैं बहनजी को जितना जानता हूं उतना कोई नहीं जानता। अपने शेर की अंतिम पंक्ति किश्ती को किनारों की तरफ मोड़ना पड़ा के बाद सिद्दकी बोले कि कांग्रेस ही मुझे किनारा दिखाई दी। इसलिए कांग्रेस ने मुझे सहारा दिया। बोले कि मेरे शेर में दर्द नहीं हैं, जो हो रहा है वो है। यूपी में निकाय चुनाव को लेकर कहा कि निष्पक्ष चुनाव होने की उम्मीद नहीं है, निष्पक्ष चुनाव हुए तो कांग्रेस चौंकाने वाले रिजल्ट देगी।रामपुर मैनपुरी उपचुनाव के लिए पार्टी क्या स्टैंड लेती है इस पर कहा नेतृत्व तय करेगा। उपचुनाव से पहले हिमाचल में मतदान है। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी तय करेंगी कि क्या करना है।
हिंदुस्तान में 3600 किमी चलने का दम केवल कांग्रेस में
 नसीमुद्दीन  सिद्दीकी ने सवर्णों के आरक्षण पर कहा जो सुप्रीम कोर्ट का फैसला है वो सर्वोच्च है, हमें फैसला पसंद आए या नहीं उसके खिलाफ नहीं बोल सकते। हम आजम खां या अब्दुल्ला किसी के खिलाफ नहीं है, हमारा भी मामला होता तो हम कोर्ट का फैसला मानते। मदरसों के सर्वे पर बोले कि मुस्लिम होने के नाते मैं व्यक्तिगत रूप से ये जवाब दे रहा हूं कि मुस्लिम भाई कोशिश करें कि विवाद की स्थिति न हो। भारत जोड़ो यात्रा पर विपक्ष के तंजों पर कहा कि हिंदुस्तान में कौन सा महारथी है जो 3600 किमी चल सके।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts