जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में मानव को राह दिखाने वाला एक मात्र ग्रंथ श्री
मद् भगवद्गीता - आचार्य श्री राधा कृष्ण मनौडी .. .
मेरठ i श्री मद् भगवद्गीता संसार का एक मात्र ऐसा ग्रंथ है जो मानव जीवन की समस्त समस्याओं का समाधान तथा सभी जिज्ञासाओं व शंकाओं का निवारण करता है .आज विश्व की अनेकानेक भाषाओं में हजारों हज़ार तरीके से वह अनुवादित हो चुका है.उपरोक्त विचार विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय मंत्री व विश्व गीता संस्थान के संस्थापक संरक्षक आचार्य श्री राधा कृष्ण मनौडी ने व्यक्त किये iआचार्य श्री बालेराम बृज भूषण सरस्वती शिशु मन्दिर इण्टर कालेज में संस्थान द्वारा आयोजित प्रैस कान्फ्रेन्स में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि विश्व की सभी भाषाओं में अनूदित यह ग्रन्थ हमारी प्राण शक्ति है i .सभा में गत वर्षों की तरह दिसम्बर माह में श्री गीता जयंती क उपलक्ष्य मे दिसम्बर के तीसरे सप्ताह में दो दिवसीय वृहत आयोजन करने की घोषणा की i.प्रैस वार्ता से पूर्व गीता को समर्पित यज्ञ किया गया।कार्यक्रम का संचालन संस्थान की महासचिव वरिष्ठ कवयित्री तुषा शर्मा ने किया ।कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीमती तुषा शर्मा की माँ वाणी वंदना से हुआ ।वार्ता को संस्थान के पदाधिकारी विजय भोला , डा. सुधाँशु अग्रवाल , श्रीमती एवं श्री शैलेंद्र रस्तोगी, सुधा एवं डा. जितेंद्र त्यागी, कवि सुमनेश सुमन ने भी संबोधित किया।कार्यक्रम के अंत मे तुषा शर्मा ने गीता पर एक गीत " "" जय भगवत गीता ""का पाठ किया । इस अवसर पर प्रधानाचार्य के के शर्मा ,,बृजपाल शर्मा , नरेश उपाध्याय , विनोद त्यागी ,गोमा ,, सुमन, कमलेश शर्मा , विवेक शर्मा, प्रणव , प्रकर्ष मनोडी, तनु एवं शबलू शर्मा आदि अनेक गण मान्य लोग उपास्थित रहे ,।
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